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This Article is From Apr 05, 2011

भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे आमरण अनशन पर

New Delhi: भ्रष्टाचार रोकने के लिहाज से देश में व्यापक जन लोकपाल विधेयक लाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे प्रधानमंत्री की अपील को दरकिनार करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए। 72 वर्षीय हजारे ने जंतर-मंतर पर अपनी भूख हड़ताल शुरू की, जिसमें उनके साथ स्वामी अग्निवेश, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और मैग्सैसे विजेता संदीप पांडे सहित अनेक जाने-माने लोग मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। हजारे ने राजघाट में कहा, मैं तब तक आमरण अनशन पर रहूंगा, जब तक सरकार जन लोकपाल विधेयक का मसौदा बनाने वाली संयुक्त समिति में 50 प्रतिशत अधिकारियों के साथ शेष में नागरिकों और विद्वानों को शामिल नहीं करती। इसके बाद वह एक खुली जीप में इंडिया गेट की ओर रवाना हुए। इस दौरान स्कूली बच्चे और तिरंगा लहराते समर्थक उनके साथ थे। हजारे ने प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद अपना अनशन शुरू किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार रात उनके फैसले पर निराश जताई थी। पीएमओ द्वारा जारी वक्तव्य के अनुसार प्रधानमंत्री के मन में हजारे और उनके मिशन के प्रति अपार सम्मान है। हजारे ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम आप पर भरोसा करते हैं, हम आपका सम्मान करते हैं। लेकिन फिर प्रधानमंत्री पिछले महीने की बैठक के बाद एक भी बार हमारे साथ बातचीत के लिए क्यों नहीं बैठे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रस्तावित कानून पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पिछली बैठक में उनकी संयुक्त समिति की मांग को खारिज कर दिया था। पहले भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अनेक बार अनशन कर चुके हजारे ने कहा, यदि सरकार अकेले विधेयक का मसौदा तैयार करती है, तो यह निरंकुश है, लोकतांत्रिक नहीं। इसमें विसंगतियां होंगी। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संतोष हेगड़े, वकील प्रशांत भूषण और स्वामी अग्निवेश जैसी हस्तियों के विचारों को भी सरकार ने महत्वपूर्ण नहीं समझा। जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव भी हजारे के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि देश में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जन लोकपाल विधेयक समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, जिस तरह चुनाव आयोग और उच्चतम न्यायालय प्रभावशाली संस्था हैं, ठीक उसी तरह भ्रष्टाचार से लड़ने वाली संस्था भी समान शक्तिशाली है। यादव ने कहा, मैं हजारे जी और अन्य लोगों द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर मुहर लगाता हूं। मैं संसद में भी इसका समर्थन करूंगा।

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अन्ना हजारे, भ्रष्टाचार, मुहिम
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