भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक विकास में भारतीय सहयोग पर पड़ोसी देशों का विशेषकर श्रीलंका का पहला हक है।
श्रीलंकाई संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि श्रीलंका के साथ साझेदारी को विकसित करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'आदर्श पड़ोसी को लेकर मेरा दृष्टिकोण यह है जिसमें व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी प्रवाह सीमापार से आसानी से हो सके, जहां साझेदारी दैनिक कार्यक्रम को सरल किए जाने के आधार पर बने।'
मोदी ने कहा, 'भारत जैसा कि तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हमारे पड़ोसियों का भारत पर पहला हक है। सबसे पहला दावा करने वाले पड़ोसी में श्रीलंका सबसे आगे होगा।' उनके इस वक्तव्य का संसद में मेज थपथपा कर स्वागत किया गया। मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात से खुशी होगी अगर भारत पड़ोसी देशों के विकास में मुख्य प्रेरक बन पाए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में भारत का मजबूत साझेदार बनने की संभावना है और भारत व्यापार को सुदृढ़ करने की इसकी चिंताओं पर ध्यान देगा तथा इसे और संतुलित बनाएगा।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों ही देश हिंद महासागर की क्षमता का दोहन कर रहे हैं और दक्षिण एशिया में सहयोग में वृद्धि तथा संपर्क को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि श्रीलंका के साथ साझेदारी को विकसित करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।
मोदी ने कहा, 'हम इसे दोस्त और पड़ोसी होने की जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं।' उन्होंने कहा कि भारत ने श्रीलंका को 1.6 अरब डॉलर की मदद देने का भरोसा दिया है और आज रेल क्षेत्र को 3.18 लाख डॉलर दिए जाने की प्रतिबद्धता दर्शाई है।
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