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This Article is From Dec 14, 2016

मेरे पास पीएम मोदी के खिलाफ जानकारी है जिससे वो घबराए हुए हैं : राहुल गांधी

मेरे पास पीएम मोदी के खिलाफ जानकारी है जिससे वो घबराए हुए हैं : राहुल गांधी
प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी
  • 'प्रधानमंत्री डरे हुए हैं. इसलिए वो चाहते हैं कि हम सदन में ना बोल पाएं'
  • बुधवार को भी लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई
  • दोनों पक्ष एकदूसरे पर नोटबंदी के विषय पर बहस से भागने का आरोप लगा रहे हैं
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नई दिल्‍ली: नोटबंदी को लेकर संसद में जारी हंगामे के बीच कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दावा कि उनके पास पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ी ऐसी जानकारी है जिससे उनके 'नोटबंदी के फैसले का गुब्‍बारा' फूट जाएगा, लेकिन उन्‍हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा.

राहुल ने संवाददाता सम्‍मेलन में कहा, 'मेरे पास जो जानकारी है पीएम मोदी से जुड़ी निजी जानकारी है, जिसे में लोकसभा में रखना चाहता हूं. में संसद के एक चुने हुए सदस्‍य के रूप में अपनी बात रखना चाहता है. संवाददाता सम्‍मेलन में विपक्ष के अन्‍य नेता भी मौजूद थे.

राहुल ने कहा, 'मेरे पास जो जानकारी है उसे लेकर प्रधानमंत्री डरे हुए हैं. इसलिए वो चाहते हैं कि हम सदन में ना बोल पाएं.'

लगातार हंगामे के बीच बुधवार को  भी लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई.

उधर सरकार ने कहा, पीएम मोदी नोटबंदी के मुद्दे पर बहस में बोलने को तैयार थे. लेकिन जैसे ही वह सदन में बैठे, उसके कुछ ही मिनट बाद नारों के बीच कार्यवाही स्‍थगित कर दी गई, जिससे संकेत मिलता है कि संसद के शीत सत्र के आखिरी तीन दिन भी बर्बाद होने जा रहे हैं.

दोनों ही पक्ष एकदूसरे पर नोटबंदी के विषय पर बहस से भागने का आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने कहा, 'राहुल गांधी खुद का ही मजाक बना रहे हैं और उनकी पार्टी संसद नहीं चलने दे रही.

राहुल गांधी के साथ तृणमूल कांग्रेस के संदीप बंदोपाध्याय, कल्याण बनर्जी, माकपा के पी करुणाकरण, राकांपा के तारीक अनवर, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल आदि मौजूद थे. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री का नोटबंदी का फैसला गरीबों पर आघात है. इसलिए प्रधानमंत्री की यह जवाबदेही है कि वे नोटबंदी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण दें. वे देश के समक्ष स्पष्टीकरण दें. वे सदन में बोलें.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री काफी घबराये हुए हैं और मुझे यह जानकारी है कि सदन में मुझे नहीं बोलने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पॉप कंसर्ट में बोल रहे हैं, जनसभा में बोल रहे हैं लेकिन सदन में नहीं बोल रहे हैं. इतिहास में पहली बार सत्ता पक्ष के लोग चर्चा को रोक रहे हैं. आमतौर पर विपक्ष ऐसा करता रहा है और सत्ता पक्ष कामकाज चलाने का प्रयास करता है. प्रधानमंत्री बहाने बनाना छोड़कर सदन में आए और चर्चा हो.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व राहुल गांधी यह दावा कर चुके हैं कि अगर उन्हें नोटबंदी पर बोलने दिया जाता है तो भूकंप आ जायेगा. राहुल गांधी ने कहा कि एक बार चर्चा हो जायेगी तो उसके बाद देश तय करेगा कि सत्तापक्ष सच बोल रहा है या विपक्ष. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि वे एक सांसद हैं, जन प्रतिनिधि हैं और अमेठी की जनता ने चुनकर भेजा है और इस नाते वे सदन में अपनी बात रखना चाहते हैं. ‘लेकिन मुझे रोका जा रहा है. सदन में बोलना हमारा अधिकार है.’ उन्होंने कहा कि हम सब ने नियम के दायरे को छोड़कर चर्चा कराने पर सहमति व्यक्त की थी और स्पीकर से आग्रह किया था कि जितने घंटे चर्चा करानी हो चर्चा हो क्योंकि यह हम सब का राजनीतिक हक है. लेकिन चर्चा को रोका जा रहा है.

राहुल गांधी ने कहा कि पिछले एक महीने से हम चर्चा कराने का प्रयास कर रहे हैं, हमने स्पीकर से आग्रह किया कि वे चर्चा करायें. हम काफी हद तक बिना शर्त चर्चा कराने को उत्सुक रहे हैं. लेकिन सरकार चर्चा कराने को गंभीर नहीं है.

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार की ओर से इतना दंभ क्यों दिखाया जा रहा है? इसके कारण पूरी संसदीय प्रणाली खतरे में पड़ गई है. केवल इस बात के लिए कि राहुल नहीं बोल पाये, इसलिए सत्तारूढ़ पार्टी सदन नहीं चलने दे रही है. ऐसा तब हो रहा है जब यह तय हुआ था कि सदन में चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि यह गलत है और सदन में चर्चा होनी चाहिए. यह प्रचार भी ठीक नहीं है कि राहुल के बोलने के बाद सदन नहीं चलने देंगे. बंदोपाध्याय ने कहा कि इसलिए 16 विपक्षी दल इस मुद्दे पर साथ आए हैं.

माकपा के पी करुणाकरण ने कहा कि पहली बार 16 राजनीतिक दल नोटबंदी के विरोध में एकसाथ आए हैं. प्रधानमंत्री चुनकर आए हैं, सांसद जनता के चुने प्रतिनिधि होते हैं. प्रधानमंत्री संसद में नहीं बोल रहे हैं. वे अन्य सभी स्थानों पर जाते हैं लेकिन सदन में नहीं बोल रहे हैं. चर्चा नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर चर्चा में विपक्ष की ओर से राहुल पहले वक्ता थे लेकिन सदन चलने नहीं दिया जा रहा है. करुणाकरण ने कहा, स्पष्ट है कि सत्ता पक्ष सवालों का जवाब देने को तैयार नहीं है. प्रधानमंत्री संसद से भाग रहे हैं, इसका अर्थ है कि वे लोगों से भाग रहे हैं. राकांपा के तारिक अनवर ने कहा कि लोकसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है जहां विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘यह सरकार की ओर से साजिश है. पूरा विपक्ष एकजुट है. सरकार किस बात से डर रही है. हम सभी एकजुट हैं. हमें बोलने दिया जाए.’

इससे पहले 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने आज राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में बैठक की और नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का निर्णय किया. इन दलों ने अरुणाचल प्रदेश में कथित पनबिजली घोटाला मामले में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय किया. इससे पहले राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि वे सदन में नोटबंदी पर बोलना चाहते हैं और जब उन्हें बोलने का मौका मिलेगा तब प्रधानमंत्री बैठ नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि नोटबंदी भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है.

(इनपुट भाषा से...)

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