अखबारों में आज : 9 गोलियां खाने और दो महीने कोमा में रहने के बाद चीता ने मौत की जीता

अखबारों में आज : 9 गोलियां खाने और दो महीने कोमा में रहने के बाद चीता ने मौत की जीता

नई दिल्ली:

आज के दिल्ली से प्रकाशित सभी अखबारों ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों से मुठभेड़ में 9 गोलियां खाने और दो महीने कोमा में रहने के बाद स्‍वस्‍थ हुए सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता को अस्‍पताल से छुट्टी मिलने की खबर को प्रमुखता से छापा है. एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जब उन्हें लाया गया था, तब उनकी हालत बेहद गंभीर थी. उनके सिर में गंभीर चोटें थी. शरीर के ऊपरी हिस्से में कई जगहों पर फ्रैक्चर भी हुआ था. दाईं आंख भी चली गई. शुरुआत में उन्हें श्रीनगर के आर्मी अस्तपाल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें एयर एंबुलेंस के ज़रिये दिल्ली में एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. जनसत्ता ने अपनी इसे अपनी एंकर स्टोरी के तौर पर 'चीता ने मौत को जीता' शीर्षक से प्रकाशित किया है.  

वहीं शुंगलू समिति की रिपोर्ट सामने आने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घेरे में है. जागरण ने इसी खबर को लीड को फ्रंट पेज पर प्रकाशित किया है. प्रशासनिक फैसलों में संविधान और प्रक्रिया संबंधी नियमों के उल्लंघन की बात शुंगलू समिति ने अपनी रिपोर्ट में उजागर की है. सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा केजरीवाल सरकार के फैसलों की समीक्षा के लिए गठित शुंगलू समिति ने सरकार के कुल 440 फैसलों से जुड़ी फाइलों को खंगाला. इनमें से 36 मामलों में फैसले लंबित होने के कारण इनकी फाइलें सरकार को लौटा दी गई थीं.

दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर भारत और चीन के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. चीन ने भारत पर इस दौरे की इजाजत देकर द्विपक्षीय रिश्तों को 'गंभीर नुकसान' पहुंचाने का आरोप लगाया है तो नई दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया कि यह एक धार्मिक गतिविधि है. दलाई लामा के दौरे को लेकर चीन ने बीजिंग में भारतीय राजदूत विजय गोखले को बुलाकर अपना विरोध दर्ज कराया. जनसत्ता ने इसी खबर को लीड बनाया है.
 

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