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This Article is From Oct 02, 2020

हाथरस पीड़िता ने मौत के पहले दिए बयान में गैंगरेप की पुष्टि की थी : सुरजेवाला

कांग्रेस ने यूपी पुलिस के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें हाथरस पीड़िता के साथ गैंगरेप न होने की बात कही गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पीड़िता ने मृत्यु पूर्व दिए गए अपने बयान में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि की थी.

हाथरस पीड़िता ने मौत के पहले दिए बयान में गैंगरेप की पुष्टि की थी : सुरजेवाला
हाथरस पीड़िता से दुष्कर्म न होने के दावे पर सुरजेवाला ने उठाए सवाल
चंडीगढ़:

कांग्रेस ने यूपी पुलिस के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें हाथरस पीड़िता के साथ गैंगरेप न होने की बात कही गई है. कैथल में शुक्रवार को किसान आंदोलन के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पीड़िता ने मृत्यु पूर्व दिए गए अपने बयान में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि की थी. यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था ने इससे उलट एक बयान दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार पीड़िता को झूठा साबित करने की साजिश रच रही है. यह अपने आप में दुखद घटना है. यूपी सरकार का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि यूपी के एडीजी ( कानून व्यवस्था) कह रहे हैं कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समझना चाहिए कि यदि किसी के बेटी या बेटे के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो कितना दर्द होता है.

हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि पीड़िता ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की थी. लेकिन राज्य सरकार यह सब झुठलाने पर तुली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी के पुलिस अधिकारियों ने चीजों को ढंकने की कोशिश की और हिंदू धर्म के रस्मों के विपरीत रातोंरात पीड़िता का जबरन दाह-संस्कार कर दिया. इस तरह के कृत्यों के लिये भगवान इन्हें कभी माफ नहीं करेगा. कानून व्यवस्था विफल होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश की जनता के बीच जाना चाहिए. जनता बताएगी कि भाजपा सरकार की क्या हकीकत है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने फोरेंसिक जांच का हवाला देते हुए कहा था कि जांच में पीड़िता से बलात्कार होने का संकेत नहीं मिला है. हालांकि कानूनी विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पीड़िता का शव अपराध को साबित करने के लिए कोई जरूरी नहीं हो सकता है. इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि बलात्कार का आरोप प्राथमिकी में तब जोड़ा गया था जब पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके साथ यह घटना हुई है. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने जबरन रातोंरात उसका दाह-संस्कार कर दिया.  
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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