रिपोर्ट में मृतकों एवं घायलों की संख्या और संपत्तियों को हुए नुकसान का भी जिक्र है.
रोहतक:
हरियाणा सरकार ने बलात्कार के मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा पर सोमवार को केंद्र को एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी. हालांकि, इस रिपोर्ट में पूरे मामले में अधिकारियों की चूक का कोई जिक्र नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने रिपोर्ट में उन घटनाओं का जिक्र किया है जो हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में हुईं.
रिपोर्ट में मृतकों एवं घायलों की संख्या और संपत्तियों को हुए नुकसान का भी जिक्र है. बहरहाल, रिपोर्ट में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को नियंत्रित करने में अधिकारियों से भी कोई चूक हुई. अधिकारियों ने बताया कि इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया है कि केंद्र के भेजे गए अर्धसैनिक बलों के 20,000 जवानों को हरियाणा में उचित तरीके से तैनात किया गया था कि नहीं.
पढ़ें: हरियाणा हिंसा : केंद्र सरकार पर हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा, 'वह देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि बीजेपी के'
डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम के मामले में हरियाणा सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. यौन शोषण के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा समर्थक भड़क गए थे. इससे उपजी हिंसा में अब तक 30 लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ट्टर ने एक तरह से सरकार की विफलता को स्वीकार करते हुए कहा था कि पूरे मामले से निपटने में कई स्तरों पर खामियां रहीं.
VIDEO: गुरमीत राम रहीम को रेप के दो मामलों में 20 साल की सजा
डेरा सच्चा सौदा मामले के अलावा हालिया वर्षों के जाट आरक्षण या संत रामपाल के मामलों पर गौर करें तो इनमें एक बात समान दिखती है कि इनमें सरकार ने भीड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए खास इंतजाम नहीं किए थे.
रिपोर्ट में मृतकों एवं घायलों की संख्या और संपत्तियों को हुए नुकसान का भी जिक्र है. बहरहाल, रिपोर्ट में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को नियंत्रित करने में अधिकारियों से भी कोई चूक हुई. अधिकारियों ने बताया कि इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया है कि केंद्र के भेजे गए अर्धसैनिक बलों के 20,000 जवानों को हरियाणा में उचित तरीके से तैनात किया गया था कि नहीं.
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डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम के मामले में हरियाणा सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. यौन शोषण के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा समर्थक भड़क गए थे. इससे उपजी हिंसा में अब तक 30 लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ट्टर ने एक तरह से सरकार की विफलता को स्वीकार करते हुए कहा था कि पूरे मामले से निपटने में कई स्तरों पर खामियां रहीं.
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डेरा सच्चा सौदा मामले के अलावा हालिया वर्षों के जाट आरक्षण या संत रामपाल के मामलों पर गौर करें तो इनमें एक बात समान दिखती है कि इनमें सरकार ने भीड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए खास इंतजाम नहीं किए थे.
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