विज्ञापन
This Article is From Apr 11, 2018

हरियाणा : बच्चों से दाखिले के लिए पूछा गया- पिता का धंधा गंदा तो नहीं!

हरियाणा सरकार विवादों में घिरी, स्कूल के एडमिशन फॉर्म में जाति और पिता के पेशे की जानकारी भी मांगी गई

हरियाणा : बच्चों से दाखिले के लिए पूछा गया- पिता का धंधा गंदा तो नहीं!
हरियाणा में स्कूल में एडमिशन के लिए फार्म.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है. ताजा मामला है हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए एडमिशन फॉर्म का जिसमें हर विद्यार्थी को सिर्फ जातिगत जानकारी ही नहीं बल्कि उसके अभिभावक का पेशा 'अनक्लीन' यानि 'संदिग्ध तो नहीं' , ये जानकारी मांगी गई है. इन सवालों को लेकर अभिभावक नाराज़ हैं वहीं हरियाणा सरकार का कहना है कि ये सवाल विद्यार्थियों को मिलने वाले विभिन्न वजीफ़ों को लेकर पूछे गए हैं.

अगर आप अपने बच्चे का हरियाणा के अच्छे स्कूल में दाखिला कराना चाहते हैं तो आप ख़ुद से पहले ये पूछें कि कहीं आपका पेशा अशुद्ध तो नहीं? क्योंकि हरियाणा सरकार ने सभी स्कूलों में बच्चों के मां-बाप से इसका जवाब देने को कहा है और वो भी हां और न में. इसके अलावा बच्चे के दाख़िले के लिए मां-बाप का पैन नंबर, बच्चे का एकाउंट नंबर, आधार की जानकारियां और सालाना आय सब कुछ बताना ज़रूरी है.

सरकार के इस फ़ैसले के बाद अभिभावक बेहद नाराज़ हैं. उनका कहना है कि ये सवाल पूछकर उन्हें हीन महसूस कराया जा रहा है .गुड़गांव में रहने वाली सीमा बताती हैं कि “ ये सवाल पूछकर पता नहीं ये क्यों हमें हीन महसूस कराया जा रहा है कि हम किसी गलत व्यवसाय में हैं. एकाउंट डीटेल भी मांगा है. हमें डर लगता है कि ऐसा क्या है कि शिक्षा की जगह ये जानकारियां मांगी हैं. “

यह भी पढ़ें : हरियाणा के स्‍कूल में कराना है एडमिशन तो देनी होगी बैंक अकांउट और आरक्षण की जानकारी

वहीं जानकारों का मानना है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत ये जानकारियां नहीं मांगी जा सकतीं. नर्सरीएडमिशन.कॉम के सुमित वोहरा ने कहा कि “ये सवाल शिक्षा के अधिकार कानून के क्लॉज़ 13 के तहत नहीं पूछा जा सकते है. पहली बार 25 हज़ार और दूसरी बार 50 हज़ार के दंड का प्रावधान है.”

मामला बढ़ता देख हरियाणा सरकार ने कहा कि अशुद्ध व्यवसाय वाला सवाल मैला ढोने वालों के बच्चों को मिलने वाले वज़ीफ़े के लिए पूछा गया है. लेकिन अगर कोई बच्चा इसे न भरना चाहे तो उसे बाध्य नहीं किया जाएगा.

बीजेपी के हरियाणा प्रवक्ता राजीव जेटली ने NDTV को बताया कि “ मैला ढोने वालों के बच्चों को वजीफ़ा दिया जाता है तो पारदर्शी तरीक़े से सबको लाभ मिले, इसलिए पूछा गया है. पर अगर बच्चों को ठीक नहीं लग रहा तो वे न भरें. उन्हें बाध्य नहीं किया जाएगा.”

VIDEO : क्या पिता का धंधा है गंदा?

वजह जो भी हो, सवाल ये है कि जो लोग समाज की गंदगी साफ़ करने का काम करते हैं उनके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल करना क्या जायज़ है? अभिभावकों का कहना है कि सरकार को जहां दाखिले आसान कराने चाहिए पर हरियाणा सरकार ऐसे सवाल पूछकर उन्हें हीन महसूस करा रही पर मजबूरी बच्चों को पढ़ाने की है तो जवाब तो देना ही पड़ेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
हरियाणा विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन से पहले ही नेताओं के बगावती हुए तेवर, भारती ने दिया बड़ा बयान
हरियाणा : बच्चों से दाखिले के लिए पूछा गया- पिता का धंधा गंदा तो नहीं!
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Next Article
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com