हरीश रावत (फाइल फोटो)
देहरादून:
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपानीत सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी सिलसिलेवार ढंग से विपक्षी दलों की निर्वाचित प्रदेश सरकारों को येन-केन प्रकारेण गिराने में लगी है।
उत्तराखंड की उपेक्षा करने का आरोप
यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मजूदर दिवस पर आयोजित मजदूर सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि दिए गए अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार उत्तराखंड की लगातार उपेक्षा कर रही थी तथा जब लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राज्य सरकार को बाहुबल एवं धनबल से गिराने में असफल रही तो उसने राष्ट्रपति शासन का सहारा लेकर उनकी सरकार को अपदस्थ कर दिया, जो निन्दनीय एवं अशोभनीय है।
कांग्रेस ने गरीब मजदूरों के हितों का ध्यान रखा
उन्होंने कहा, ‘जब से केन्द्र में भाजपा नीत सरकार सत्तारूढ़ हुई है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी सिलसिलेवार एक सोची समझी रणनीति के तहत विपक्षी दलों की निर्वाचित प्रदेश सरकारों को षड़यंत्र पूर्वक येन-केन प्रकारेण गिराने का काम कर रही है।’ कांग्रेस की नीति के केन्द्र में सदैव गरीब मजदूर वर्ग के हितों के संरक्षण का ध्यान रखे जाने की बात कहते हुए रावत ने कहा कि प्रदेश में भी पार्टी के कार्यकाल में मजदूर वर्ग के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई गईं जबकि केन्द्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करते हुए उसकी अनेक योजनाओं में धन की कटौती की।
केंद्र ने आर्थिक सहायता बंद कर दी
उन्होंने याद दिलाया कि केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद उत्तराखंड का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर 90:10 के अनुपात में मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद कर दी गई। वहीं हरिद्वार में अर्धकुंभ के आयोजन तथा नमामि गंगे परियोजना के लिए भी कोई धनराशि नहीं दी गई।
सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि इस देश में मजदूरों एवं गरीबों के हित में सबसे ज्यादा नीतियां कांग्रेस की सरकारों ने ही बनाई हैं। उन्होंने इस संबंध में मनरेगा तथा इंदिरा आवास योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हरीश रावत सरकार ने भी अपने कार्यकाल में गरीबों और मजूदरों के हित के लिए बहुत सी योजनाएं बनाईं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उत्तराखंड की उपेक्षा करने का आरोप
यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मजूदर दिवस पर आयोजित मजदूर सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि दिए गए अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार उत्तराखंड की लगातार उपेक्षा कर रही थी तथा जब लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राज्य सरकार को बाहुबल एवं धनबल से गिराने में असफल रही तो उसने राष्ट्रपति शासन का सहारा लेकर उनकी सरकार को अपदस्थ कर दिया, जो निन्दनीय एवं अशोभनीय है।
कांग्रेस ने गरीब मजदूरों के हितों का ध्यान रखा
उन्होंने कहा, ‘जब से केन्द्र में भाजपा नीत सरकार सत्तारूढ़ हुई है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी सिलसिलेवार एक सोची समझी रणनीति के तहत विपक्षी दलों की निर्वाचित प्रदेश सरकारों को षड़यंत्र पूर्वक येन-केन प्रकारेण गिराने का काम कर रही है।’ कांग्रेस की नीति के केन्द्र में सदैव गरीब मजदूर वर्ग के हितों के संरक्षण का ध्यान रखे जाने की बात कहते हुए रावत ने कहा कि प्रदेश में भी पार्टी के कार्यकाल में मजदूर वर्ग के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई गईं जबकि केन्द्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करते हुए उसकी अनेक योजनाओं में धन की कटौती की।
केंद्र ने आर्थिक सहायता बंद कर दी
उन्होंने याद दिलाया कि केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद उत्तराखंड का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर 90:10 के अनुपात में मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद कर दी गई। वहीं हरिद्वार में अर्धकुंभ के आयोजन तथा नमामि गंगे परियोजना के लिए भी कोई धनराशि नहीं दी गई।
सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि इस देश में मजदूरों एवं गरीबों के हित में सबसे ज्यादा नीतियां कांग्रेस की सरकारों ने ही बनाई हैं। उन्होंने इस संबंध में मनरेगा तथा इंदिरा आवास योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हरीश रावत सरकार ने भी अपने कार्यकाल में गरीबों और मजूदरों के हित के लिए बहुत सी योजनाएं बनाईं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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