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This Article is From Sep 01, 2015

‘लोग परेशान हैं, हमने सिर्फ आंदोलन को चिंगारी दिखाई’

‘लोग परेशान हैं, हमने सिर्फ आंदोलन को चिंगारी दिखाई’
रवीश कुमार के साथ हार्दिक पटेल
नई दिल्ली: पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अब गुजरात के पटेल विधायकों से मिलकर उनका साथ मांगेंगे। एनडीटीवी से बातचीत में हार्दिक पटेल ने कहा कि वो पटेल विधायकों से आरक्षण के मसले पर या तो उनका साथ मांगेंगे...या पार्टी छोड़ने को कहेंगे... साथ ही हार्दिक पटेल ने ये साफ़ कर दिया कि वो आरक्षण का समर्थन करते हैं... हार्दिक पटेल का कहना है कि जिनको ज़रूरत है उनको आरक्षण दिया जाना चाहिए।

एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एक्जिक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने जब गुजरात के पटेल आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल से पूछा कि वो खेती, बेरोज़गारी और महंगाई की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा आंदोलन कर सकते हैं जहां उनको ज्य़ादा लोगों का समर्थन मिलता, ऐसे में उन्होंने आरक्षण की मांग ही क्यों चुना तब इसके जवाब में हार्दिक ने कहा कि, 'आप पिछले 10 साल का सरकारी रिकॉर्ड निकाल कर देखें उनमें कितने पटेल समुदाय के बच्चों को नौकरी मिली है। आप चाहेंगे तो मैं आपको वो आंकड़ा लाकर दिखा दूंगा।'

ये पूछे जाने पर कि गुजरात के 40 से ज्य़ादा पटेल विधायकों ने आख़िर कुछ क्यों नहीं किया, इस पर हार्दिक का जवाब था कि, 'वे लोग अपने होकर भी अपने नहीं हैं और ऐसे अपनों की अपने को ज़रूरत भी नहीं है।' हार्दिक के मुताबिक वे अगले दो दिन में सभी पटेल विधायकों के घर जाएंगे और उनसे पूछेंगे कि वो साफ करें कि वे लोग पार्टी के साथ हैं और पटेल समुदाय के साथ और इस मुद्दे पर पूरा आंदोलन भी चलाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि उनकी समस्या का निदान रिज़र्वेशन की मांग पूरा होने से ही होगा और यही उनके आंदोलन का मूल मुद्दा है।

अपने आपको 22 साल के बताने वाले और बहुत ही छोटे घर से संबंध रखने वाले हार्दिक पटेल से जब ये पूछा गया कि क्या वो बीएमडब्ल्यू से गुजरात जा रहे हैं और 5 स्टार होटलों में ठहरते हैं तो इस पर उन्होंने बीएमडब्ल्यू की बात को बिलकुल गलत बताया, और कहा कि जहां तक 5 स्टार में ठहरने की बात है तो इतने पैसे इनके पास नहीं हैं। वो कहते हैं कि यहां के लोगों ने उनके ठहरने का इंतजाम किया है। क्योंकि हार्दिक जहां जाते हैं, वहां जाने के पहले ही बता देते हैं कि उनके ठहरने का इंतजाम वे लोग खुद करें जो उन्हें बुला रहे हैं, क्योंकि इनके पास इतने पैसे नहीं कि वो इसका खर्च उठा सकें।

जब हार्दिक से पूछा गया कि क्या वो 'पिस्टल' उनका ही है, जिसकी तस्वीर काफी मशहूर हुई थी, जिस पर उनका जवाब हां था। उन्होंने कहा कि जब खेतों में भैंसें आ जाते हैं तो हवा में फायरिंग करने के लिए वहां के किसानों को पिस्टन रखना होता है। हार्दिक पटेल अपने संगठन के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इस संगठन में जो युवा इनके साथ जुड़े हुए हैं वो सबसे ज्यादा इंजीनियर हैं और खासतौर पर जो पटेलिक हैं जिनके पास अच्छे खासे डिग्रियां हैं। हार्दिक गुजरात के 17 जिलों में गए और समाज की रक्षा के लिए इस संगठन को शुरू किया।

वो बताते हैं कि इस संगठन को तैयार करने में उन्हें दो साल का वक्त लग गया। समाज की रक्षा के लिए हार्दिक बताते हैं कि वो 2012 से ही इस संगठन की तैयारी में जुट चुके थे। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के कानपुर, मध्य प्रदेश के रीवा, राजस्थान मके जयपुर और महाराष्ट्र के जलगांव में भी गए थे। हार्दिक बताते हैं कि गुजराज के जिस गांव से वो हैं वहां विकास नहीं हुआ है। उनकी माने तो यहां का किसान अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी जमीन को कर्जे पर दे देता है और 12वीं के बाद बच्चों के एडमिशन के लिए डोनेशन के लिए वो अपना जमीन भी बेच देता है और बाद में जब नौकरी की बात आती है तो वहां फिर वहां रेट लगती है- पुलिस इंस्पेक्टर 25 लाख रुपये.. मजिस्ट्रेट 30 लाख रुपये। हार्दिक कहते हैं कि गुजरात में सिर्फ अमीर अमीर ही बने और गरीब गरीब ही बने हैं।

वो कहते हैं कि उन्होंने कभी भी आरक्षण हटाने की मांग नहीं की। अगर कोई बच्चा चाहे वो एससी एसटी का हो, वो अपना हक मांग रहा हो.. उसमें हम विरोध नहीं कर सकते ना ही हम उस पर बांधा बनते हैं। हमें हमारा हक चाहिए, चाहे जिसे लाना है लाए, प्रधानमंत्री लाए, मुख्यमंत्री लाए, कोर्ट लाए, सुप्रीम कोर्ट लाए, उससे हमें कोई मतलब नहीं। हार्दिक कहते हैं वो बीजेपी से नहीं हैं पर उनका रिश्ता जरूर बीजेपी से रहा, उनके पिताजी बीजेपी के कार्यकर्ता थे। इस पर जब उनसे पूछा गया क्या उन्हें लगता है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी नहीं है, तो हार्दिक ने कहा कि अगर बीजेपी आरक्षण विरोधी नहीं तो हमें दे दे आरक्षण। हार्दिक कहते हैं कि गुजरात में पटेल और दलीत एक साथ बैठकर रोटी खाते हैं। वो कहते हैं कि पटेलों की जमीन पर दलीत काम करते हैं और बदले में पटेल सिर्फ एक प्रतिशत उनसे हिस्सा लेते हैं क्योंकि दलीत पटेलों की जमीनों को संभाल सकता है। 

आरक्षण पर वो कहते हैं कि अगर पुलिस ने उनके साथियों को सरेआम मार दिया है और ना सरकार ने उन्हें देखते ही गोली मारने का ऑर्डर दिया और ना ही लाठी मारने का आदेश दिया, फिर भी पुलिस वालों ने मार दिया। आज चार-पांच दिन हो गए सरकार ने उनपर कोई एक्शन नहीं लिया। वहीं, रात के 3 बजे एक आंतकवादी के सुप्रीम कोर्ट खुल जाती है। ताज में 180 लोगों को एक आतंकवादी मार देता है, फिर भी उस पर 5 साल तक मुकदमा चलता है। तो अगर ये एक या दो लोग सड़क पर आरक्षण मांगने लिकल जाए तो कोई नहीं देगा, मगर यहां लाख लोग सड़क पर निकले थे। हार्दिक कहते हैं कि वो देश के युवा हैं और वो आरक्षण लेकर ही रहेंगे।
 

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