जयपुर:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया है कि महंगाई से निपटने में सरकार की कुछ कमियां रहीं। उन्होंने कहा कि महंगाई पर पैदा हुए हालात विशेषकर इस साल के हालात सामान्य करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि महंगाई हमारे रिकॉर्ड में एक कमी रही। यूपीए सरकार के समय महंगाई की औसत दर हमारी अपेक्षा से ऊंची रही। इसका एक मुख्य कारण है अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी, जो पिछले आठ साल में बहुत ज्यादा हुई।
उन्होंने कहा, एक दूसरी खास वजह यह है कि हमारी सरकार ने किसानों के फायदे के लिए फसलों के खरीद मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ाए हैं। हमें महंगाई दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, खासकर 2013-14 में। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सच है कि हमारे देश में आज भी बहुत ज्यादा गरीबी है और हमें इसे कम करने की और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए, लेकिन हमें लोगों को यह भी बताना चाहिए कि पहले के मुकाबले अब गरीबी कम है और उसमें पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से कमी आ रही है।
उन्होंने कहा, अगर हम यूपीए और एनडीए सरकारों के काम की तुलना करें, तो हमारे समय में गरीबी घटने की रफ्तार ढाई गुना तेज हो गई है। अगले लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह भी तय करने की जरूरत है कि 2014 के आम चुनाव की तरफ बढ़ते हुए हम जनता से क्या कहना चाहते हैं। हमें अपने काम के रिकॉर्ड की सही जानकारी जनता को देनी चाहिए और इसमें जो कमियां रही हैं, उन्हें भी ईमनादारी से स्वीकार करना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि महंगाई हमारे रिकॉर्ड में एक कमी रही। यूपीए सरकार के समय महंगाई की औसत दर हमारी अपेक्षा से ऊंची रही। इसका एक मुख्य कारण है अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी, जो पिछले आठ साल में बहुत ज्यादा हुई।
उन्होंने कहा, एक दूसरी खास वजह यह है कि हमारी सरकार ने किसानों के फायदे के लिए फसलों के खरीद मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ाए हैं। हमें महंगाई दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, खासकर 2013-14 में। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सच है कि हमारे देश में आज भी बहुत ज्यादा गरीबी है और हमें इसे कम करने की और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए, लेकिन हमें लोगों को यह भी बताना चाहिए कि पहले के मुकाबले अब गरीबी कम है और उसमें पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से कमी आ रही है।
उन्होंने कहा, अगर हम यूपीए और एनडीए सरकारों के काम की तुलना करें, तो हमारे समय में गरीबी घटने की रफ्तार ढाई गुना तेज हो गई है। अगले लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह भी तय करने की जरूरत है कि 2014 के आम चुनाव की तरफ बढ़ते हुए हम जनता से क्या कहना चाहते हैं। हमें अपने काम के रिकॉर्ड की सही जानकारी जनता को देनी चाहिए और इसमें जो कमियां रही हैं, उन्हें भी ईमनादारी से स्वीकार करना चाहिए।
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