गुवाहाटी:
गुवाहाटी में सरेराह भीड़ के हाथों छेड़छाड़ की शिकार हुई लड़की से मिलने गई राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने कहा है कि लकड़ी के शरीर पर सिगरेट से जलाए जाने के कई निशान हैं।
वहीं पुलिस ने इस मामले के दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांचकर्ताओं ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के उन आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें कहा गया था कि एक टीवी पत्रकार ने इस घटना के लिए भीड़ को उकसाया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने 9 जुलाई को हुए इस अपराध में शामिल दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम दिगंता बासुमातारी और नबज्योति डेका हैं। बाकी आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी जारी है।"
पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम अखिल गोगोई द्वारा सौंपी गई फुटेज को भी देख रहे हैं। अगर इस बात के सबूत मिले कि उस पत्रकार ने ही लोगों को किशोरी के साथ अभद्रता करने के लिए उकसाया था, तो हम उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।"
गौरतलब है कि असम के लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने पुलिस पर असली आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। अखिल गोगोई ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना की वीडियो फिल्म बनाने वाले पत्रकार ने ही इस मामले को उकसाया था। वहीं चैनल ने अपने पत्रकार पर लगाए गए इस आरोप को बेबुनियाद बताया है।
गुवाहाटी प्रेस क्लब में वीडियो दिखाया गया और उसके बाद गोगोई ने आरोप लगाया कि फिल्म बना रहे चैनल के पत्रकार के पास बाद में उसका एक सहयोगी आया, जिससे वीडियो बनाने वाले पहले पत्रकार को यह कहते सुना गया कि उसने घटना को अंजाम दिलाया।
गोगोई का आरोप है कि पत्रकार के सहयोगी ने जब कहा कि लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई, तो इस पर फिल्म बनाने वाले पत्रकार ने कहा कि उसने ही उन लोगों से ऐसा करने के लिए कहा। आरटीआई कार्यकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने घटना की पूरी फुटेज हासिल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाचार चैनल ने प्रसारण में इस हिस्से को काट दिया है। वहीं चैनल के प्रबंध संपादक सैयद जरीर हुसैन ने कहा कि गोगोई के आरोप बेबुनियाद हैं।
उधर, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से निपटने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। असम की सिविल सोसाइटी ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान भी कर दिया है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
वहीं पुलिस ने इस मामले के दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांचकर्ताओं ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के उन आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें कहा गया था कि एक टीवी पत्रकार ने इस घटना के लिए भीड़ को उकसाया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने 9 जुलाई को हुए इस अपराध में शामिल दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम दिगंता बासुमातारी और नबज्योति डेका हैं। बाकी आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी जारी है।"
पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम अखिल गोगोई द्वारा सौंपी गई फुटेज को भी देख रहे हैं। अगर इस बात के सबूत मिले कि उस पत्रकार ने ही लोगों को किशोरी के साथ अभद्रता करने के लिए उकसाया था, तो हम उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।"
गौरतलब है कि असम के लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने पुलिस पर असली आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। अखिल गोगोई ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना की वीडियो फिल्म बनाने वाले पत्रकार ने ही इस मामले को उकसाया था। वहीं चैनल ने अपने पत्रकार पर लगाए गए इस आरोप को बेबुनियाद बताया है।
गुवाहाटी प्रेस क्लब में वीडियो दिखाया गया और उसके बाद गोगोई ने आरोप लगाया कि फिल्म बना रहे चैनल के पत्रकार के पास बाद में उसका एक सहयोगी आया, जिससे वीडियो बनाने वाले पहले पत्रकार को यह कहते सुना गया कि उसने घटना को अंजाम दिलाया।
गोगोई का आरोप है कि पत्रकार के सहयोगी ने जब कहा कि लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई, तो इस पर फिल्म बनाने वाले पत्रकार ने कहा कि उसने ही उन लोगों से ऐसा करने के लिए कहा। आरटीआई कार्यकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने घटना की पूरी फुटेज हासिल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाचार चैनल ने प्रसारण में इस हिस्से को काट दिया है। वहीं चैनल के प्रबंध संपादक सैयद जरीर हुसैन ने कहा कि गोगोई के आरोप बेबुनियाद हैं।
उधर, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से निपटने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। असम की सिविल सोसाइटी ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान भी कर दिया है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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