नोएडा के बाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में अधिकारियों ने दिल्ली से शहर में आने वाले लोगों का यादृच्छिक कोविड परीक्षण (Random Covid Testing) शुरू किया है, क्योंकि दिल्ली कोरोना वायरस महामारी के सबसे बुरे दौर से जूझ रहा है, और यहां कोरोना के मामलों और उससे मरने वालों की संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने वाली है.
सभी दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर यात्रियों का बेतरतीब ढंग से परीक्षण किया जा रहा है और प्रशासन का कहना है कि अभ्यास से उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. अब तक उन्होंने सीमा पर 400 से अधिक लोगों का परीक्षण किया है और तीन सकारात्मक मामले पाए हैं.
गुड़गांव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र यादव ने NDTV को बताया, "हमने यादृच्छिक नमूने के लिए गुड़गांव की सीमाओं पर छह शिविर स्थापित किए हैं. किसी को भी मजबूर नहीं किया जा रहा है. मॉल, बाजार, बस कंडक्टर और ड्राइवर भी कवर किए जा रहे हैं. लक्ष्य संक्रमित लोगों की जल्द से जल्द पहचान करना है ताकि वायरस फैलाव ना हो."
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इसस पहले नोएडा में अधिकारियों ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनोवायरस मामलों में बढ़ोतरी के बीच दो शहरों की सीमाओं पर दिल्ली से आने वाले लोगों का रैंडम कोविड टेस्ट शुरू किया था. अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार को जिले के गैर-सीमा क्षेत्रों में गौतम बुद्ध नगर की दिल्ली सीमा पर COVID-19 के लिए रैंडम टेस्ट से परीक्षण किए गए लोगों के बीच सकारात्मकता दर अधिक थी.
दिल्ली कोरोनोवायरस के मामलों में भारी उछाल के साथ जूझ रही है, यहां एक दिन में 100 से अधिक मौतों के साथ कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख से आगे बढ़ गया है, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि यहां वायु प्रदूषण का भयानक स्तर COVID-19 को और अधिक घातक बनाता है.
इस हफ्ते, 2 करोड़ निवासियों के शहर ने मास्क न पहनने, सामाजिक दूरी के मानदंडों उल्लंघन या सार्वजनिक रूप से थूकने को लेकर 2000 रु. के जुर्माने का प्रावधान किया है. दिल्ली के अस्पतालों में बेड कम हैं और मरीजों की संख्या कहीं ज्यादा अधिक है.
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