अमरनाथ तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले शेख सलीम गफूर
नई दिल्ली:
अमरनाथ यात्रा के दौरान आंतकी हमले के बीच जान पर खेलकर श्रद्धालुओं की जान बचाने वाला वो ड्राइवर तो याद ही होगा. जी हां, वही गुजरात के रहने वाले बस ड्राइवर शेख सलीम गफूर, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और धैर्य का परिचय देते हुए 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी, उन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को 13 लोगों को 'उत्तम जीवन रक्षा पदक' सम्मान देने की घोषणा की, जिसमें ड्राइवर शेख सलीम गफूर का नाम टॉप पर है.
गणतंत्र दिवस से पहले गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है. बता दें कि उत्तम जीनव रक्षा पदक वीरता के लिए नागरिकों को दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान है.
यह भी पढ़ें - अमरनाथ की बस के ड्राइवर ने कहा, सात को बचा नहीं पाया, लेकिन 50 को सुरक्षित ले जाने में कामयाब रहा
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गफूर को इस सम्मान के लिये इसलिये चुना गया क्योंकि 10 जुलाई, 2017 को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, इसके बावजूद बस चालक गफूर ने बस चलाना जारी रखकर असाधारण साहस और बहादुरी का परिचय दिया था. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बातेंगू के नजदीक आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, तब बस के चालक गफूर ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी.
उस घटना में सात तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और 14 अन्य घायल हो गये थे. इस घटना के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी. पुरस्कार के अलावा बाद में, गफूर को एक विशेष समारोह में एक लाख रुपये की नकद राशि भी प्रदान की जाएगी. बता दें कि पुलिस कर्मियों को इस वर्ष कुल 107 पुलिस वीरता पदक दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें - अमरनाथ यात्रियों पर हमला देश पर हमला है, इसका करारा जवाब दिया जाए : शिवसेना
मंत्रालय के मीडिया सलाहकार अशोक प्रसाद ने एनडीटीवी से कहा कि जम्मू-कश्मीर में फ्रॉन्टलाइन पर पुलिस कर्मियों द्वारा राष्ट्रीय अखंडता के लिए बहादुरी और समर्पण के विशेष कार्यों पर विचार कर पुरस्कारों की घोषणा की गई है. कुल 107 पुलिसकर्मियों में से 66 जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं. इनमें से 38 पुलिस जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस से हैं और 28 सीआरपीएफ के जवान हैं.
VIDEO: अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वाले लश्कर के तीन आतंकी ढेर
गणतंत्र दिवस से पहले गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है. बता दें कि उत्तम जीनव रक्षा पदक वीरता के लिए नागरिकों को दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान है.
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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गफूर को इस सम्मान के लिये इसलिये चुना गया क्योंकि 10 जुलाई, 2017 को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, इसके बावजूद बस चालक गफूर ने बस चलाना जारी रखकर असाधारण साहस और बहादुरी का परिचय दिया था. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बातेंगू के नजदीक आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, तब बस के चालक गफूर ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी.
उस घटना में सात तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और 14 अन्य घायल हो गये थे. इस घटना के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी. पुरस्कार के अलावा बाद में, गफूर को एक विशेष समारोह में एक लाख रुपये की नकद राशि भी प्रदान की जाएगी. बता दें कि पुलिस कर्मियों को इस वर्ष कुल 107 पुलिस वीरता पदक दिए गए हैं.
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मंत्रालय के मीडिया सलाहकार अशोक प्रसाद ने एनडीटीवी से कहा कि जम्मू-कश्मीर में फ्रॉन्टलाइन पर पुलिस कर्मियों द्वारा राष्ट्रीय अखंडता के लिए बहादुरी और समर्पण के विशेष कार्यों पर विचार कर पुरस्कारों की घोषणा की गई है. कुल 107 पुलिसकर्मियों में से 66 जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं. इनमें से 38 पुलिस जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस से हैं और 28 सीआरपीएफ के जवान हैं.
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