गुजरात के लाखाभाई के लिए शौचालय बना गले की हड्डी

गुजरात के लाखाभाई के लिए शौचालय बना गले की हड्डी

गुजरात में स्थानीय चुनाव चल रहे हैं। शहरों की म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के लिए वोटिंग 22 तारीख को खत्म हो गई, और अब 29 नवंबर को छोटे शहरों की नगरपालिकाओं और ग्रामीण इलाकों की तहसील पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए वोट डाले जाएंगे, लेकिन इन चुनावों में जूनागढ़ इलाके के गीर अभयारण्य में रहने वाले लाखाभाई गढ़वी के लिए अजीब विडंबना खड़ी हो गई है।

उन्होंने उनके इलाके विसावदर से तहसील पंचायत का चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ने के लिए पर्चा भरा था, लेकिन उनका पर्चा रद्द कर दिया गया। इस मुद्दे पर जूनागढ़ के डिप्टी कलेक्टर आरजी जडेजा का कहना है कि गुजरात पंचायत अधिनियम में हाल ही में राज्य सरकार ने संशोधन किया है, जिसके तहत जिनके घर में शौचालय नहीं है, वे स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते, और लाखाभाई का पर्चा इसी नियम के तहत रद्द किया गया है।

दूसरी ओर, लाखाभाई का कहना है कि उनका घर 'एशियाटिक शेरों का एकमात्र घर' कहे जाने वाले गीर अभयारण्य इलाके के जंगल में पड़ता है, जहां से जुड़े नियमों के तहत वह किसी भी तरह के गढ़े खोदकर किसी भी तरह का पक्का निर्माण नहीं कर सकते। इसके लिए उन्हें बहुत सारी मंजूरियों की ज़रूरत पड़ती है, लिहाज़ा नियमों का पालन करने की वजह से उनके घर में शौचालय नहीं है।

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अब स्थिति यह है अगर वह शौचालय बनाते हैं तो वनविभाग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, और नहीं बनाने पर वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। उनका कहना है कि उनके लिए अजीब विडंबना है। कानून बनाने वालों को उन जैसे लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए, ताकि वह भी चुनाव लड़ने जैसे अपने महत्वपूर्ण अधिकारों का पालन कर सकें।