नई दिल्ली:
गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी सरकार को जोरदार झटका देते हुए राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति को सही ठहराया है। मोदी सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा था कि राज्य सरकार से बिना पूछे नियुक्ति सही नहीं है। राज्य सरकार अब इस मामले में बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी।
गुजरात सरकार के प्रवक्ता जय नारायण व्यास ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह किसी की हार या जीत नहीं है, सिर्फ एक फैसला है। उनके अनुसार, सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि जिस तरीके से उसकी नियुक्ति की गई थी, वह उसका विरोध कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल गवर्नर कमला बेनीवाल ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आरए मेहता को राज्य का लोकायुक्त बना दिया था। यह पद नवंबर, 2003 से बाद से खाली था। राज्य सरकार ने इस फैसले के तुरंत बाद कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक और एकतरफा है।
पिछले साल 11 अक्टूबर को दो जजों की डिवीजन बेंच ने मामले में अलग−अलग फैसला दिया था, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले को जस्टिस वीएम सहाय को सौंप दिया था, जिन्होंने बुधवार को यह फैसला सुनाया।
गुजरात सरकार के प्रवक्ता जय नारायण व्यास ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह किसी की हार या जीत नहीं है, सिर्फ एक फैसला है। उनके अनुसार, सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि जिस तरीके से उसकी नियुक्ति की गई थी, वह उसका विरोध कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल गवर्नर कमला बेनीवाल ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आरए मेहता को राज्य का लोकायुक्त बना दिया था। यह पद नवंबर, 2003 से बाद से खाली था। राज्य सरकार ने इस फैसले के तुरंत बाद कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक और एकतरफा है।
पिछले साल 11 अक्टूबर को दो जजों की डिवीजन बेंच ने मामले में अलग−अलग फैसला दिया था, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले को जस्टिस वीएम सहाय को सौंप दिया था, जिन्होंने बुधवार को यह फैसला सुनाया।
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