अहमदाबाद:
2002 के गुजरात दंगों के नरोडा पाटिया केस में दोषी पाई गईं माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 10 आरोपियों की सजा को फ़ांसी की सजा में तब्दील करने की अपील करने का फैसला फिलहाल गुजरात सरकार ने टाल दिया है। गुजरात सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने इसकी जानकारी दी।
पटेल ने कहा है कि इस मामले में एडवोकेट जनरल से सलाह कर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के कहने पर गुजरात सरकार ने पहले दोषियों की सजा को फांसी की सजा में बदलने के लिए अपील करने की बात कही थी।
इस मामले में माया कोडनानी को 28 साल और बाबू बजरंगी को आजीवन कारावस की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा इस मामले में आठ दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि अगर गुजरात सरकार सजा के खिलाफ अपील करने से इनकार करती है तो एसआईटी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।
पटेल ने कहा है कि इस मामले में एडवोकेट जनरल से सलाह कर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के कहने पर गुजरात सरकार ने पहले दोषियों की सजा को फांसी की सजा में बदलने के लिए अपील करने की बात कही थी।
इस मामले में माया कोडनानी को 28 साल और बाबू बजरंगी को आजीवन कारावस की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा इस मामले में आठ दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि अगर गुजरात सरकार सजा के खिलाफ अपील करने से इनकार करती है तो एसआईटी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।
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