प्रतीकात्मक फोटो
इंफाल:
मणिपुर में एक विकलांग महिला से दुष्कर्म के दोषी 50 वर्षीय एक व्यक्ति को गुरुवार को 10 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। इंफाल पश्चिम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम मनोज कुमार ने दोषी एस नाओबा को 50 हजार रुपये जुर्माना भरने और ऐसा न करने पर छह माह की और सजा का आदेश दिया।
अदालत ने सरकार को साल 2013 में दिवंगत हो चुकी पीड़िता के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। राज्य के महिला आयोग को पीड़िता के परिवार को सहायता देने का निर्देश दिया गया है। मणिपुर में अभियोजन के निदेशक तेज कुमार ने कहा कि इंफाल के उरीपोक अचोम लेकाई इलाके के निवासी नाओबा ने तीन अगस्त, 2006 को महिला (21) से दुष्कर्म किया था।
पुलिस ने हालांकि आरोप पत्र 14 जनवरी, 2013 में दाखिल किया था। तेजकुमार ने कहा, "भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 में संशोधन के बाद दुष्मर्क के लिए यह सबसे लंबी अवधि की सजा है।" उन्होंने कहा, "इस फैसले से एक स्पष्ट संदेश दिया गया है कि इस तरह के संगीन अपराध को अंजाम देकर अपराधी बच नहीं सकते। यह सभी के लिए एक सबक है।"
अदालत ने सरकार को साल 2013 में दिवंगत हो चुकी पीड़िता के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। राज्य के महिला आयोग को पीड़िता के परिवार को सहायता देने का निर्देश दिया गया है। मणिपुर में अभियोजन के निदेशक तेज कुमार ने कहा कि इंफाल के उरीपोक अचोम लेकाई इलाके के निवासी नाओबा ने तीन अगस्त, 2006 को महिला (21) से दुष्कर्म किया था।
पुलिस ने हालांकि आरोप पत्र 14 जनवरी, 2013 में दाखिल किया था। तेजकुमार ने कहा, "भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 में संशोधन के बाद दुष्मर्क के लिए यह सबसे लंबी अवधि की सजा है।" उन्होंने कहा, "इस फैसले से एक स्पष्ट संदेश दिया गया है कि इस तरह के संगीन अपराध को अंजाम देकर अपराधी बच नहीं सकते। यह सभी के लिए एक सबक है।"
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