राज्यसभा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जीएसटी बिल (वस्तु एवं सेवा कर ) राज्यसभा में बुधवार को आएगा. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इससे जुड़े सभी मामले सुलझा लिए गए हैं.
इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के अपने सदस्यों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप (Whip) जारी किया है. सरकार ने विधेयक पर चर्चा करने और उसे पारित करने के लिए उसे इस सप्ताह के एजेंडे में सूचीबद्ध किया है.
इससे पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि बहु-प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद में पारित हो जाएगा. सिंह ने कहा था कि हम जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाए हैं जिस पर कांग्रेस के समय से ही चर्चा हो रही है. मुझे भरोसा है कि हम संशोधन करेंगे और जीएसटी विधेयक पारित होगा.
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि ‘एक देश-एक कर’ प्रणाली से कराधान का स्तर कम होगा और भ्रष्टाचार मिटेगा. उन्होंने कहा कि एक देश एक कर का यह सारा विचार भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.. करों के स्तर को कम करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यापार सुगमता उपलब्ध कराने तथा सभी तरह के भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी.’ उन्होंने कहा कि भारत ऐसी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली वहन नहीं कर सकता जहां किसी पर हर बिंदु पर कर लगे.
(इनपुट्स भाषा से भी)
इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के अपने सदस्यों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप (Whip) जारी किया है. सरकार ने विधेयक पर चर्चा करने और उसे पारित करने के लिए उसे इस सप्ताह के एजेंडे में सूचीबद्ध किया है.
इससे पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि बहु-प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद में पारित हो जाएगा. सिंह ने कहा था कि हम जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाए हैं जिस पर कांग्रेस के समय से ही चर्चा हो रही है. मुझे भरोसा है कि हम संशोधन करेंगे और जीएसटी विधेयक पारित होगा.
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि ‘एक देश-एक कर’ प्रणाली से कराधान का स्तर कम होगा और भ्रष्टाचार मिटेगा. उन्होंने कहा कि एक देश एक कर का यह सारा विचार भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.. करों के स्तर को कम करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यापार सुगमता उपलब्ध कराने तथा सभी तरह के भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी.’ उन्होंने कहा कि भारत ऐसी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली वहन नहीं कर सकता जहां किसी पर हर बिंदु पर कर लगे.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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