यह ख़बर 16 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राष्ट्रपति चुनाव : एनडीए ने अपने उम्मीदवार पर फैसला टाला

खास बातें

  • दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर पर हुई बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में शीर्ष नेता राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए किसी एक नाम पर फैसला नहीं ले सके।
नई दिल्ली:

दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर पर हुई बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में शीर्ष नेता राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए किसी एक नाम पर फैसला नहीं ले सके।

पार्टी नेता अनंत कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर अपनी रणनीति तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) रविवार को एक बैठक करेगा, जिसमें तय किया जाएगा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया जाए या फिर कोई उम्मीदवार उतारा जाए।

कोर कमेटी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने कहा, "रविवार सुबह 11 बजे राजग की बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में अंतिम फैसला लिया जाएगा।"

राजग में यह विचार चल रहा है कि उम्मीदवार के रूप में जीत सुनिश्चित न होने की स्थिति में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मैदान में नहीं उतरेंगे, इसलिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा पर दांव खेला जा सकता है।

अनंत कुमार ने बताया कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े सारे परिदृश्य पर नजर बनाए हुए हैं। लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी और सुषमा स्वराज सभी नेताओं से बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा की जा रही है।

दूसरी ओर, बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन के मुख्य सहयोगी जद(यू) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी मुखर्जी के लिए आम सहमति बनाने का समर्थन करेगी और उसका मानना है कि चुनाव से बचना चाहिए, क्योंकि न तो एपीजे अब्दुल कलाम चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं और न ही एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है।

जद(यू) के प्रमुख शरद यादव ने शनिवार को नरेश गुजराल सहित शिरोमणि अकाली दल के नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद यादव ने कहा कि रविवार को बैठक होने के बाद एनडीए कोई सामूहिक निर्णय करेगा।

राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में कलाम को खींचने के प्रयास की आलोचना करते हुए गुजराल ने कहा कि इससे कलाम का अपमान होगा, क्योंकि इसके लिए उन्होंने अपनी सहमति नहीं दी है।

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यह पूछने पर कि क्या अकाली दल कलाम की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा तो शिअद नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे सवालों का तभी जवाब देगी, जब कलाम कहेंगे कि वह चुनाव लड़ेंगे।