आजमगढ़:
चुनावों में नेता पानी की तरह पैसा बहाते हैं, वहीं एक एमएलए ऐसे भी हैं, जो अपना पोस्टर बैनर भी नहीं छपवाते. निजामाबाद से तीन बार विधायक रह चुके आलम बदी इस बार फिर मैदान में हैं. समाजवादी राजनीति की दो तस्वीरें, एक घर दुर्गा प्रसाद यादव का है और दूसरा आलम बदी का. दुर्गा प्रसाद आज़मगढ़ सदर से 7 बार चुने जा चुके हैं तो आलम बदी निज़ामाबाद से 3 बार चुने गए हैं. दुर्गा प्रसाद मंत्री हैं तो आलम बदी मंत्री पद बहुत पहले ठुकरा चुके हैं. प्रचार के लिए कार्यकर्ता नहीं रखते, पैदल चुनाव प्रचार करते हैं. उनका मानना है कि राजनीति में आना जनता की सेवा है, मौज नहीं
निजामाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आलम बदी ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि मैं जिस कमरे में रहता हूं, वहीं रहूंगा. लाल बत्ती नहीं लूंगा. जब पद का ऑफर मिला तो मैंने कहा कि मैं जैसे रहता हूं, उससे दूसरे मंत्रियों को दिक्कत हो जाएगी.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले आलम बदी के पास कार्यकर्ताओं का कोई झुंड नहीं है. न ही फेसबुक पर हैं न ट्विटर पर. चुनाव हो या न हो, सुबह से शाम तक लोगों के बीच रहते हैं. ज्यादातर पैदल चलते हैं. खर्च की पाई-पाई का हिसाब रखते हैं. आलम अपने घर आने वालों को बिना दूध की चाय पिलाते हैं. छह बेटे हैं पर किसी को पिता की विधायकी से कोई फायदा नहीं. आलम इस बार जीते तो इरादा महिलाओं को शौच के लिए खेत में न जाने देने का है.
निजामाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आलम बदी ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि मैं जिस कमरे में रहता हूं, वहीं रहूंगा. लाल बत्ती नहीं लूंगा. जब पद का ऑफर मिला तो मैंने कहा कि मैं जैसे रहता हूं, उससे दूसरे मंत्रियों को दिक्कत हो जाएगी.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले आलम बदी के पास कार्यकर्ताओं का कोई झुंड नहीं है. न ही फेसबुक पर हैं न ट्विटर पर. चुनाव हो या न हो, सुबह से शाम तक लोगों के बीच रहते हैं. ज्यादातर पैदल चलते हैं. खर्च की पाई-पाई का हिसाब रखते हैं. आलम अपने घर आने वालों को बिना दूध की चाय पिलाते हैं. छह बेटे हैं पर किसी को पिता की विधायकी से कोई फायदा नहीं. आलम इस बार जीते तो इरादा महिलाओं को शौच के लिए खेत में न जाने देने का है.
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