Ground Report: कोरोना के बाद अब डेंगू का कहर, जानें दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पताल की हालत

पेशे से सरकारी डॉक्टर 59 साल की विमला जैन डेंगू से बीमार हैं.कमजोरी इतनी है कि खड़ी तक नहीं हो सकती हैं, लेकिन फिलहाल वार्ड में इनके लिए बेड नहीं है. मतलब जो खुद ही डॉक्टर है, उनके लिए भी बेड का इंतजाम करना पड़ रहा है.

नई दिल्ली:

Dengue Cases: दिल्ली-NCR में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली में अब तक 800 से ज्यादा डेंगू के मरीज आ चुके हैं और एक महिला की मौत हो चुकी है. डेंगू से हालात क्यों खराब हैं और इससे कैसे बचें, इसे लेकर एनडीटीवी के संवाददाता रवीश रंजन शुक्ला ने कुछ प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों का जायजा लिया है. दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड डेंगू के मरीजों से भरा है. हर तरफ बीमारी से बेचैन लोग और बेड बढ़ाने का दबाव है. पेशे से सरकारी डॉक्टर 59 साल की विमला जैन डेंगू से बीमार हैं.कमजोरी इतनी है कि खड़ी तक नहीं हो सकती हैं, लेकिन फिलहाल वार्ड में इनके लिए बेड नहीं है. मतलब जो खुद ही डॉक्टर है, उनके लिए भी बेड का इंतजाम करना पड़ रहा है.  कई मरीजों के लिए अस्पतालों में अस्थायी बेड का इंतजाम किया गया है. बीते तीन दिन के भीतर 25 से ज्यादा डेंगू के मरीज यहां आ चुके हैं. डॉ. विमला जैन ने बताया कि मुझे चार दिन से बुखार है. बार-बार उल्टी हो रही है. पेट में दर्द और कमजोरी बहुत हो गई है. घंटेभर के इंतजार के बाद आखिरकार विमला जैन को बेड मिला. ये हालात जब प्राइवेट अस्पताल के हैं तो सरकारी अस्पतालों की तस्वीर और परेशान करने वाली है.

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल जैसे सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों का दबाव बढ़ गया है लिहाजा मरीजों का इलाज कहीं स्ट्रेचर पर तो कहीं इस तरह से खिड़की के सहारे ड्रिप लटकाकर किया जा रहा है. यहां दिल्ली के ही नहीं, उप्र के जिलों से भी मरीज बड़ी तादात में आ रहे हैं. यहां मौजूद एक ने बताया कि पिछले पिछले साल 24 घंटे से बैठे हैं. डॉक्टर आ रहे हैं, लेकिन मरीजों बहुत आ जाने से इलाज में दिक्कत आ रही है. अलीगढ़ में इलाज अच्छा नहीं हो रहा था इसलिए यहां आए थे, लेकिन अब यहां भी ठीक से इलाज नहीं हो रहा है. सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में ये हालात इसलिए पैदा हुए क्योंकि अचानक डेंगू के मरीजों की तादात बढ़ गई है. 

2020 से अब तक डेंगू के मामले महज 395 थे, वहीं इस साल यानी 2021 में बढ़कर संख्या 723 तक जा पहुंची है. वहीं इस साल सितंबर में जहां डेंगू के मरीजों की तादात 217 थी, वहीं महज 16 अक्तूबर तक ही 382 डेंगू के मामले आ चुके हैं. डॉक्टरों की सलाह है कि बुखार के साथ, उल्टी, शरीर में चकत्ते, कमजोरी और ब्लड प्रेशर लो होता है तो तुरंत डेंगू का टेस्ट कराकर डाक्टर को दिखाना चाहिए.

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डॉ. अनिल गोयल ( वित्त सचिव, IMA Head Quarter) देखिए डेंगू के हालात खराब हैं. अस्पतालों में सबसे ज्यादा बुखार और डेंगू के मरीज आ रहे हैं. सत्तर फीसदी मरीजों का दाखिला अस्पतालों में बुखार और डेंगू के मरीजों का है. प्रीकॉशन यही है, आपको पानी इकट्ठा नहीं होने देना, मच्छर का प्रजनन रोकना है. ये मच्छर सुबह शाम ज्यादा काटता है, ये भी आपको ध्यान रखना है. पहले कोरोना अब डेंगू के बढ़ते मामले हमारे अस्पताल और  डॉक्टरों का दोबारा इम्तिहान ले रहे हैं.