संसदीय समिति ने मोदी सरकार को लगाई लताड़, 'आतंकी हमलों को रोकने में नाकामयाब रहा है केंद्र'

संसदीय समिति ने मोदी सरकार को लगाई लताड़, 'आतंकी हमलों को रोकने में नाकामयाब रहा है केंद्र'

फाइल फोटो

खास बातें

  • सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश की रिपोर्ट
  • समिति ने गृह मंत्रालय के काम करने पर कई सवाल उठाए
  • 'सरकार आतंकी हमलों को रोक पाने में नाकामयाब रही'
नई दिल्ली:

सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने सरकार की काउंटर टेरर पॉलिसी में कई खामियों का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकार न तो आतंकी हमले रोक पा रही है और न ही उसने पठानकोट में हुए हमले से कुछ सबक सीखा है. सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, जिसमें उसने उल्लेख किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कैसे काम कर रहा है. कमेटी ने मंत्रालय के काम करने पर कई सवाल भी उठाए हैं.

समिति ने का ये भी मानना है कि सरकार तमाम कोशिशों के बावजूद आतंकवादी हमलों को रोक पाने में नाकामयाब रही है. अकेले जम्मू-कश्मीर में ही पंपोर, बारामूला, हंदवाड़ा और नगरोटा में एक के बाद एक हमले हुए. संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जल्द से जल्द वो सभी लूपहोल भरने की ज़रूरत हैं जो हमारे सुरक्षा घेरे में है, साथ ही इंटेलिजेंस इकट्ठा करने की तकनीक भी बदलने की ज़रूरत है.

सुरक्षा मामलों की इस संसदीय समिति की अगुवाई पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम कर रहे हैं. चिदंबरम के मुताबिक़ उन्हें ये बात गले से नहीं उतर रही की टेरर अलर्ट के बावजूद आतंकी पठानकोट एयरबेस में कैसे घुस गए और हमला करने में कामयाबी रहे.

समिति ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि आतंकियों ने पंजाब पुलिस के एसपी को अगवा भी कर लिया. समिति का मानना है हमारे सुरक्षा ग्रीड में कई खामियां है. सरहद पर फ्लड लाइट्स लगे होने और बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स के पहरे के बावजूद आतंकी भारत में कैसे दाखिल होने में कामयाब हो गए. समिति ने यह भी कहा है कि ये भी समझ में नहीं आ रहा की आतंकियों ने एसपी और उसके दोस्त को अगवा करने के बाद कैसे और क्यों छोड़ दिया. इस बात की एनआईए को ठीक तरह से जांच करनी चाहिए.

गृह मंत्रालय के कामकाम को लेकर इस सुरक्षा समिति ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जांच एजेंसियों को नार्को सिंडिकेट, जो सरहदी इलाकों में खासकर पंजाब में सक्रिय है, उसकी भी जांच करनी चाहिए. समिति ने इस बात पर अपनी नाराज़गी जताई कि एक साल होने के बाद भी अभी तक एनआईए अपनी जांच पूरी नहीं कर पाई है.

सुरक्षा मामलों से जुड़ी इस समिति ने सरकार से इस बात पर अब जवाब मांगा है कि जब पाकिस्तान की ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम आई थी, तब क्या ये साफ़ किया गया था की भारत से भी एनआईए की टीम जांच के लिए पाकिस्तान जाएगी.


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