सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आयकर (इनकम टैक्स) विभाग ने पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन (केजीबी) को बेनामी संपत्ति के मामले में क्लीन चिट दी है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस के खिलाफ जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित होता हो कि उन्होंने या उनके रिश्तेदार ने किसी तरह की बेनामी संपत्ति की खरीद-फरोख्त की है। अटार्नी जनरल ने कहा कि वे कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
एनजीओ कॉमन कॉज ने दाखिल की है याचिका
एनजीओ कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में केजी बालाकृष्णन और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच कराने की याचिका दाखिल की है। साथ ही केजीबी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद से हटाने की मांग की है।
अटार्नी जनरल ने कहा कि उनका (बालाकृष्णन का ) कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है ऐसे में अब कोई मामला नहीं बनता इस तरह के आरोप खतरनाक हैं क्योंकि पहले भी पूर्व सीजेआई पर ऐसे आरोप लगाए गए थे।
एनजीओ कॉमन कॉज ने दाखिल की है याचिका
एनजीओ कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में केजी बालाकृष्णन और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच कराने की याचिका दाखिल की है। साथ ही केजीबी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद से हटाने की मांग की है।
अटार्नी जनरल ने कहा कि उनका (बालाकृष्णन का ) कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है ऐसे में अब कोई मामला नहीं बनता इस तरह के आरोप खतरनाक हैं क्योंकि पहले भी पूर्व सीजेआई पर ऐसे आरोप लगाए गए थे।
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