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This Article is From Jan 29, 2020

राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ''छात्रों के विरोध से मैं दुखी हूं, जो हुआ उससे मैं पूरी तरह से हिल गया''

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सम्मेलन में कहा, ''जो चीजें कल हुईं, वो अचानक से नहीं हुई. कुलाधिपति को विधिवत आमंत्रित किए जाने के बावजूद बेकाबू भीड़ द्वारा आयोजन स्थल से जाने के लिए मजबूर किया गया.''

राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ''छात्रों के विरोध से मैं दुखी हूं, जो हुआ उससे मैं पूरी तरह से हिल गया''
राज्यपाल जगदीप धनखड़
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को कहा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से ''भीड़'' द्वारा उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर करने के बाद वह पूरी तरह हिल गए हैं, लेकिन राज्य के विश्वविद्यालयों के संवैधानिक प्रमुख और कुलाधिपति होने के नाते उन्हें उनके कर्तव्य से कोई नहीं रोक सकता. धनखड़ ने कहा, ''मैं बहुत पीड़ा में हूं. (मंगलवार को दीक्षांत समारोह में) जो हुआ उससे मैं पूरी तरह हिल गया हूं... ''

यह भी पढ़ें: कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल धनखड़ को शामिल होने से छात्रों ने रोका

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''जो चीजें कल हुईं, वो अचानक से नहीं हुई. कुलाधिपति को विधिवत आमंत्रित किए जाने के बावजूद बेकाबू भीड़ द्वारा आयोजन स्थल से जाने के लिए मजबूर किया गया.''

राज्यपाल जगदीप धनखड़ को छात्रों के एक समूह ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के सालाना दीक्षांत समारोह में मंगलवार को शामिल नहीं होने दिया. इसके बाद, राज्यपाल परिसर से चले गए. आयोजन स्थल पर राज्यपाल के पहुंचने के ठीक बाद छात्रों ने काले झंडे दिखाए और 'वापस जाओ' के नारे लगाए. कुछ छात्रों के हाथों में 'सीएए नहीं' और 'एनआरसी नहीं' के पोस्टर थे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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