जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स (Debbie Abrahams) ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी. ब्रिटिश संसद की सदस्य और कश्मीर के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की प्रेसिडेंट डेबी सोमवार को दुबई से भारत पहुंची थीं लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर ही उन्हें रोक दिया गया. उन्हें बताया गया कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है. जिसके बाद उन्हें वापस दुबई भेज दिया गया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, डेबी की गतिविधियां देशहित के खिलाफ थीं. सूत्रों ने दावा किया कि उन्हें 14 फरवरी को ही बता दिया गया था कि उनका ई-वीजा रद्द किया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, 14 फरवरी 2020 को भारत के राष्ट्रीय हित के खिलाफ जाने वाली गतिविधियों में लिप्त होने के कारण डेबी अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा रद्द कर दिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि वीजा देना, उसे अस्वीकृति करना और उसे रद्द करना किसी भी देश का संप्रभु अधिकार है. उन्होंने जब भारत की यात्रा की तो उनके पास वैध वीजा नहीं था, इसी वजह से उनसे वापस जाने का अनुरोध किया गया.
बताते चलें कि पिछले साल 7 अक्टूबर, 2019 को डेबी अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा जारी किया गया था. वीजा बिजनेस मीटिंग्स के लिए 5 अक्टूबर, 2020 तक के लिए वैध था. ब्रिटिश सांसद की गतिविधियों को कथित तौर पर देशहित के खिलाफ मानते हुए ही उनका वीजा रद्द किया गया और उन्हें वापस दुबई भेज दिया गया. गौरतलब है कि डेबी ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को भारत सरकार का गलत फैसला बताया था. उन्होंने इसे मानवाधिकारों का हनन करार दिया था.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने ब्रिटिश सांसद को वापस भेजे जाने के फैसले का समर्थन किया है. सिंघवी ने ट्वीट किया, 'डेबी अब्राहम्स को भारत द्वारा वापस भेजा जाना वाकई में जरूरी था क्योंकि वह सिर्फ एक सांसद नहीं, बल्कि पाकिस्तान की प्रतिनिधि हैं जो पाक सरकार और आईएसआई के साथ अपनी नजदीकियों के लिए जानी जाती हैं. भारत की संप्रभुता पर हमला करने के हर प्रयास को विफल करना होगा.'
VIDEO: भारत की कश्मीर नीति की आलोचक ब्रिटिश सांसद को एयरपोर्ट से वापस लौटाया
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