Pegasus स्पाईवेयर मामले में सरकार अपना मजबूत पक्ष रखने में बिल्कुल पीछे नहीं रहेगी. सूत्रों ने एनडीटीवी से बात करते हुए यह जानकारी दी. न्यूज वेबसाइट द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि Pegasus सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वाली एक अज्ञात एजेंसी की हैकिंग लिस्ट में भारतीय पत्रकारों के फोन नंबर पाये गये हैं. यह सॉफ्टवेयर इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप बनाती है. केंद्र सरकार अभी भी अडिग है कि इसमें कोई "अनाधिकर इंटरसेप्शन नहीं हुआ है."
पेगासस स्पाईवेयर विवाद पर सरकार ने कहा, 'नहीं हुआ कोई अनाधिकृत इंटरसेप्शन'
आईटी मंत्रालय से जुड़े हुए एक सूत्र ने एनडीटीवी को बताया "हमें डरने की कोई बात नहीं है और सरकार के पास छुपाने को कुछ भी नहीं है. हम हर एक सवाल का जवाब देंगे. न्यूज रिपोर्ट से कुछ भी साबित नहीं होता है. हकीकत यह है कि पैगासस को सरकार से जोड़ने की तमाम पिछली कोशिशें नाकाम हुई हैं."
बता दें कि भारतीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के फोन नंबर उस लीक डाटाबेस में पाए गए हैं, जिन्हें इजरायली स्पाईवेयर Pegasus के इस्तेमाल से हैक किया गया है. द वायर सहित 16 मीडिया संस्थानों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है. रविवार शाम को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि लीगल कम्यूनिटी मेंबर्स, बिजनेसमैन, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, कार्यकर्ताओं और अन्यों के नंबर इस लिस्ट में शामिल हैं. इस लिस्ट में 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर हैं. हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस सहित बड़े मीडिया संस्थानों के बड़े पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है.
भारतीय नेताओं और पत्रकारों के फोन Pegasus स्पाईवेयर से किए गए हैक
The Wire के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019 के लोकसभा आम चुनावों से पहले 2018 और 2019 के बीच ज्यादातर को निशाना बनाया गया. पेगासस को बचेने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वह अपने स्पाईवेयर केवल अच्छी तरह से जांची-परखी सरकारों को ही ऑफर करती है.
Pegasus विवाद पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
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