उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार देश के 256 जिलों में सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो चुकी है और सभी जिलों तक इसका विस्तार करने की तैयारी है. दरअसल, हॉलमार्किंग एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है, जिसे देश के 256 जिलों में 23 जून 2021 से 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. इन 256 जिलों में कम से कम एक हॉलमार्किंग केंद्र है.मंत्रालय ने मंत्रिमंडल के लिए तैयार अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘कुल मिलाकर अनिवार्य हॉलमार्किंग सुचारू रूप से चल रही है, और इसे देश के सभी जिलों में लागू करने की प्रक्रिया जारी है.''
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत आभूषण कारोबारियों की संख्या अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बाद लगभग चौगुनी हो गई है.रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 1.27 लाख ज्वैलर्स ने हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए बीआईएस के साथ पंजीकरण कराया है और देश में 976 बीआईएस मान्यता प्राप्त एएचसी संचालित हैं. देश में ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर आने के बाद पांच महीनों में लगभग 4.5 करोड़ आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई है.
यह है लागू करने का मकसद
ग्राहकों के लिए सोने की शुद्धता (Gold purity) पर मानक दरों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया गया है. सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग एक शुद्धता का पैमाना है. जो अभी तक स्वैच्छिक रहा है. हॉलमार्किंग का मतलब है कि सोने को अब मानक दरों पर बेचा जा सकता है और हॉलमार्क के मुकाबले सोने का एक समान मूल्यांकन होगा.इस पहल से सोने के आभूषण खरीदते समय लोगों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा और ग्राहकों को ज्वेलरी की शुद्धता की गारंटी मिलेगी.
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