न्यायालय बाल कल्याण समिति ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे व्यस्कों को, नोटिस जारी कर चेतावनी है कि वे अपने बच्चों को तत्काल प्रभाव से धरनास्थल से हटायें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार की न्यायालय बाल कल्याण समिति ने लखनऊ के घंटाघर के निकट सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को नोटिस बुधवार को जारी किया है. समिति ने कहा, ''किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण कानून 2015 के अनुसार, हर वह व्यक्ति ''बच्चा'' कहलाएगा जो 18 वर्ष से कम आयु का है. अधिनियम की धारा तीन चार के अनुसार बालक बालिकाओं के सर्वोत्तम हित के दृष्टिगत बाल कल्याण समिति को कार्य करना है, जिससे बच्चों का बचपन, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके .''
नोटिस में कहा गया है, ''उक्त के संदर्भ में बाल कल्याण समिति, लखनऊ सर्वसम्मति से यह आदेश देती है कि लखनऊ के घंटाघर के समीप अपने बच्चों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे परिवार तत्काल प्रभाव से अपने बच्चों को धरना स्थल से घर भेजें जिससे उनकी सामान्य दिनचर्या पुन आरंभ हो सके .'' समिति ने कहा, ''कई बच्चे अपना विद्यालय छोड़ कर धरना स्थल पर हैं तथा उनके सही समय से खाना, पढ़ाई तथा खेल आदि की व्यवस्था भी बिगड गयी है. अत: बच्चों के सर्वोत्तम हित में तथा उनकी मानसिकता पर दुष्प्रभाव ना पडे़ इसलिए बच्चों को तत्काल प्रभाव से धरना स्थल से हटाया जाए अन्यथा किशोर न्याय कानून की धारा 75 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी .''नोटिस पर समिति के अध्यक्ष कुलदीप रंजन और चार सदस्यों ने दस्तखत किया है.
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