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This Article is From Sep 17, 2015

बेमिसाल मकबूल फिदा हुसैन की 100वीं सालगिरह पर गूगल का भी सलाम

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बेमिसाल मकबूल फिदा हुसैन की 100वीं सालगिरह पर गूगल का भी सलाम
एमएफ हुसैन की 100वीं सालगिरह पर गूगल डूडल
मकबूल फिदा हुसैन की गुरुवार को 100वीं वर्षगांठ है और इस मौके पर  Google Doodle ने भी इस मशहूर चित्रकार को रंग-बिरंगे अंदाज़ में याद किया। अपने ही देश भारत में काफी हद तक विवादों में घिरे रहने वाले हुसैन की पेटिंग्स दुनियाभर में कला प्रेमियों की पसंदीदा रही हैं। कला जगत के बाहर आम लोगों के बीच हुसैन की पहचान माधुरी दीक्षित के एक ऐसे प्रशंसक के रूप में रही, जिन्होंने इस नायिका की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' अनगिनत बार देखी थी।

हालांकि हुसैन की कला अपने आप में जुदा थी लेकिन अक्सर उन्हें 'हिन्दुस्तान का पिकासो' कह दिया जाता था। घोड़ों के प्रति इस कलाकार का प्रेम जग ज़ाहिर था जो उनकी पेंटिंग में भी साफतौर पर दिखाई देता था, लेकिन इसके साथ ही अपनी चित्रकला में हिन्दू देवी-देवताओं की व्याख्या हुसैन के लिए भारत में काफी मुसीबत का कारण बनी रही। हुसैन की बनाई तस्वीरों में कथित रूप से भारत माता और हिन्दू देवी देवताओं को नग्न अवस्था में दिखाया गया, जिसे लेकर हिन्दू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई।

हिंदू संगठनों के निशाने पर

आखिरी कुछ सालों में हुसैन के प्रति हिन्दू संगठनों का विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि इस कलाकार ने क़तर की नागरिकता हासिल कर ली और 2010 में अपने भारतीय पासपोर्ट का समर्पण कर दिया हालांकि 2011 में एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में हुसैन ने साफ किया था कि उन्हें हिन्दुस्तान से हमेशा मोहब्बत रहेगी और उन्हें भारत की प्रजातंत्र व्यवस्था पर गर्व है।

वैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 के दशक से ही हुसैन ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया था। 1947 में वह कलाकारों के एक प्रगतिवादी संगठन का हिस्सा बन गए थे, जिसका मकसद बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर भारतीय कला की एक नई पहचान स्थापित करना था।

पद्म श्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से नवाज़े जा चुके हुसैन की महाभारत केंद्रित पेंटिंग 'Battle of Ganga and Jamuna: Mahabharata 12' को 2008 में 10 करोड़ 60 लाख अमेरिकी डॉलर में खरीदी गई। इसके साथ ही हुसैन की इस पेंटिंग ने दुनिया के मशहूर कला केंद्र क्रिस्टी के दक्षिण एशियाई मॉडर्न और समकालीन कला की नीलामी में विश्व रिकॉर्ड बनाया।  2011 में लंदन के एक अस्पताल में फेफड़े में तकलीफ के बाद हुसैन की मृत्यु हो गई।

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