नई दिल्ली:
गोमुख ग्लेशियर का एक टुकड़ा टूटकर भागीरथी नदी में गिर गया है। ग्लेशियर वैज्ञानिकों के मुताबिक, कम बर्फबारी की वजह से ग्लेशियर का टुकड़ा टूटा है। इसका पता ग्लेशियर के टुकड़े यहां से 18 किलोमीटर दूर गंगोत्री में भागीरथी के प्रवाह में देखे जाने पर पता चला। गंगोत्री नेशनल पार्क के डीएफओ ने गोमुख ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने की पुष्टि की।
-------------
देखें Exclusive वीडियो
----------------------
ग्लेशियर विज्ञानी फिलहाल कम बर्फबारी को इसका कारण मान रहे हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसे मौसम की सामान्य घटना बताया।
शनिवार शाम को गंगोत्री में भागीरथी नदी के प्रवाह में बर्फ के टुकड़े आते देख गंगोत्री नेशनल पार्क अधिकारियों का माथा ठनका। पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार ने तत्काल भोजबासा में तैनात पार्क कर्मचारियों और पंडित गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से वायरलैस के जरिये संपर्क साधा।
पता चला कि शाम को गोमुख ग्लेशियर के बाईं तरफ का एक हिस्सा टूट गया था। टूटे ग्लेशियर हिस्से का आकार क्या रहा होगा, इसका अभी पता नहीं चला है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि भोजबासा में तीन वैज्ञानिकों का दल पहले से ही गोमुख ग्लेशियर के अध्ययन के लिए मौजूद है।
ग्लेशियर टूटने का पता चलने के बाद से गंगोत्री नेशनल पार्क और वैज्ञानिकों की टीम सही आंकड़ा जुटाने में लगी है।
ग्लेशियर टूटने के कारणों को लेकर हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन इसे मौसम से आए बदलाव और कम बर्फबारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
-------------
देखें Exclusive वीडियो
----------------------
ग्लेशियर विज्ञानी फिलहाल कम बर्फबारी को इसका कारण मान रहे हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसे मौसम की सामान्य घटना बताया।
शनिवार शाम को गंगोत्री में भागीरथी नदी के प्रवाह में बर्फ के टुकड़े आते देख गंगोत्री नेशनल पार्क अधिकारियों का माथा ठनका। पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार ने तत्काल भोजबासा में तैनात पार्क कर्मचारियों और पंडित गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से वायरलैस के जरिये संपर्क साधा।
पता चला कि शाम को गोमुख ग्लेशियर के बाईं तरफ का एक हिस्सा टूट गया था। टूटे ग्लेशियर हिस्से का आकार क्या रहा होगा, इसका अभी पता नहीं चला है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि भोजबासा में तीन वैज्ञानिकों का दल पहले से ही गोमुख ग्लेशियर के अध्ययन के लिए मौजूद है।
ग्लेशियर टूटने का पता चलने के बाद से गंगोत्री नेशनल पार्क और वैज्ञानिकों की टीम सही आंकड़ा जुटाने में लगी है।
ग्लेशियर टूटने के कारणों को लेकर हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन इसे मौसम से आए बदलाव और कम बर्फबारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं