अहमदाबाद/गोधरा:
गुजरात में हुए भीषण सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित सैंकड़ों लोग गोधरा ट्रेन हमले की दसवीं बरसी पर एकत्र हुए और पीड़ितों के लिए न्याय की फिर से मांग की गई।
राज्य की राजधानी और यहां से करीब 160 किलोमीटर दूर गोधरा में इस मौके पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। ट्रेन हमले और उसके बाद हुए दंगों के पीड़ितों के परिवारों ने उस हिंसा के धब्बों को मिटाने की कोशिश की।
पुलिस सूत्रों ने अहमदाबाद में कहा कि स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स की इकाइयों को अलर्ट रखा गया था।
गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन अग्निकांड में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। वे अयोध्या से अपने घरों को लौट रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में कई स्थानों पर हुए दंगों में करीब 1200 लोगों की मौत हो गई थी।
ट्रेन अग्निकांड में मारे गए लोगों की याद में विश्व हिन्दू परिषद ने अहमदाबाद और गोधरा में प्रार्थना कार्यक्रम आयोजित किए वहीं इस घटना के बाद हुए दंगों के पीड़ितों के परिजन कई शहरों और स्थानों पर एकत्र हुए और न्याय की मांग की।
दंगों में पीड़ित लोगों के परिजन अहमदाबाद में गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी, नरोदा पाटिया, नरोदा गाम, सरदारपुरा आदि स्थानों पर एकत्र हुए।
राज्य की राजधानी और यहां से करीब 160 किलोमीटर दूर गोधरा में इस मौके पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। ट्रेन हमले और उसके बाद हुए दंगों के पीड़ितों के परिवारों ने उस हिंसा के धब्बों को मिटाने की कोशिश की।
पुलिस सूत्रों ने अहमदाबाद में कहा कि स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स की इकाइयों को अलर्ट रखा गया था।
गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन अग्निकांड में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। वे अयोध्या से अपने घरों को लौट रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में कई स्थानों पर हुए दंगों में करीब 1200 लोगों की मौत हो गई थी।
ट्रेन अग्निकांड में मारे गए लोगों की याद में विश्व हिन्दू परिषद ने अहमदाबाद और गोधरा में प्रार्थना कार्यक्रम आयोजित किए वहीं इस घटना के बाद हुए दंगों के पीड़ितों के परिजन कई शहरों और स्थानों पर एकत्र हुए और न्याय की मांग की।
दंगों में पीड़ित लोगों के परिजन अहमदाबाद में गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी, नरोदा पाटिया, नरोदा गाम, सरदारपुरा आदि स्थानों पर एकत्र हुए।