
गोवा-दमन के आर्कबिशप ने पत्र में कहा कि संविधान को ठीक से समझा जाना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव करीब आ रहे हैं.
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गोवा एवं दमन के आर्कबिशप ने कहा-कई लोग असुरक्षा के माहौल में रह रहे
संविधान को ठीक से समझा जाना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव करीब आ रहे हैं
ईसाई समुदाय को लिखा है पत्र, पहले दिल्ली के आर्कबिशप ने लिखा था पत्र
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दिल्ली के आर्कबिशप अनिल कूटो ने अपने खत में प्रार्थना अभियान चलाने तथा प्रत्येक सप्ताह में एक दिन 'देश की खातिर' उपवास रखने के लिए कहा था.पत्र के साथ एक प्रार्थना भी भेजी गई, जिसे उनके अनुसार साप्ताहिक सामूहिक प्रार्थना सभा में पढ़ा जाना चाहिए.पत्र की शुरुआत में ही आर्कबिशप लिखते हैं, "हम एक 'अशांत राजनैतिक वातावरण' देख रहे हैं, जो हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों तथा हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के लिए खतरा है...'खत में लिखा गया है, "देश तथा राजनेताओं के लिए हमेशा प्रार्थना करना हमारी प्रतिष्ठित परम्परा है, लेकिन आम चुनाव की ओर बढ़ते हुए यह और भी ज़रूरी हो जाता है... अब जब हम 2019 की ओर देखते हैं, जब हमारे पास नई सरकार होगी, तो आइए, हम देश के लिए 13 मई से शुरू करते हैं एक प्रार्थना अभियान'. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के आर्कबिशप के पत्र पर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था कि देश में मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है, देश में सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं.(इनपुट- भाषा)
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