
मैंगलोर:
शहर के एक कॉलेज द्वारा तय किए गए नए 'विचित्र नियमों' से छात्र चकित और नाराज हैं.
सेंट अलॉयसिस कॉलेज ने लड़कियों से कहा है कि वे लड़कों से दूरी बनाकर रखें और कोई लड़का और लड़की एक दूसरे को छुएंगे नहीं. यह नियम पिछले सप्ताह ओरीएन्टेशन क्लास में सामने आए थे और पिछले हफ्ते एक पूर्व छात्र द्वारा इन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया.
पोस्ट के अनुसार, कॉलेज ने कहा है कि बालों का जूड़ा नहीं बनाएंगे और न ही हेयर कलर करेंगे. काजल और लिपिस्टिक नही लगाएंगे. यहां तक की हाथ में मेहंदी लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी.
सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्स के दौरान अन्य क्लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए.
सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है.
हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्य शिक्षण संस्थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्यान हो.
छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है.
सेंट अलॉयसिस कॉलेज ने लड़कियों से कहा है कि वे लड़कों से दूरी बनाकर रखें और कोई लड़का और लड़की एक दूसरे को छुएंगे नहीं. यह नियम पिछले सप्ताह ओरीएन्टेशन क्लास में सामने आए थे और पिछले हफ्ते एक पूर्व छात्र द्वारा इन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया.
पोस्ट के अनुसार, कॉलेज ने कहा है कि बालों का जूड़ा नहीं बनाएंगे और न ही हेयर कलर करेंगे. काजल और लिपिस्टिक नही लगाएंगे. यहां तक की हाथ में मेहंदी लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी.
सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्स के दौरान अन्य क्लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए.
सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है.
हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्य शिक्षण संस्थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्यान हो.
छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है.
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