नई दिल्ली:
लश्कर आतंकी को वीजा दिलवाने के मामले में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि लोग उनके पास वीजा के लिए आते हैं और वह सिर्फ पासपोर्ट देखकर वीजा की सिफारिश करते हैं। गिलानी का कहना है कि कौन क्या करता है कहां जाता है यह देखना उनका काम नहीं है। ये सब पासपोर्ट जारी करने वालों का काम है। उन्होंने कहा कि लोग सीमा के उस पार अपने रिश्तेदारों से मिलने या पढ़ाई के लिए वीजा लेने आते हैं और उनके कागजात देखकर ही वह उन्हें वीजा देते हैं।
गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लश्कर आतंकी एहतेशाम को पाकिस्तान का वीजा कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की सिफारिश पर मिला था। एहतेशाम कश्मीरी है, लेकिन उसके पास झारखंड का पासपोर्ट है, जिस पर पाक हाई कमीशन ने सवाल उठाए थे। एहतेशाम दिसंबर 2011 में पाकिस्तान गया और आतंक की ट्रेनिंग लेने के बाद जनवरी, 2012 में लौटा था। एहतेशाम ने इसी दौरान बम बनाने की ट्रेनिंग भी ली। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गिलानी द्वारा दिए गए सिफारिशी पत्र की प्रति इस आतंकी से जब्त किए गए कागजों में मिली है।
सूत्रों ने कहा कि एहतेशाम से जब्त चीजों में आईईडी बनाने का सामान जैसे तार, सल्फ्यूरिक एसिड आदि मिले हैं। उसने दिसंबर, 2011 में पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था। इनके निशाने पर भीड़भाड़ वाले बाजार थे। श्रीनगर में एसबीआई का मेन ब्रांच भी इनके निशाने पर था।
उधर, झारखंड के हजारीबाग से तौफीक मोहम्मद नाम के एक आतंकी को दिल्ली और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक तौफीक कश्मीर का रहने वाला है और 6 महीने से हजारीबाग में बुनकर बनकर रह रहा था और लोग उसे पीर मामा कहकर बुलाते थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक तौफीक अहमद ही इस पूरे मोड्यूल का मास्टरमाइंड है। उत्तरी भारत में लश्कर के इस मोड्यूल के तार जम्मू-कश्मीर से भी जुड़े हैं। पता चला है कि ये आतंकी कश्मीर में लश्कर के एक कमांडर के लगातार संपर्क में थे और वहां कई आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं। दिल्ली के चांदनी चौक का कपड़ा बाजार भी इन आतंकियों के निशाने पर था।
(इनपुट भाषा से भी)
लश्कर आतंकी को वीजा दिलवाने के मामले में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि लोग उनके पास वीजा के लिए आते हैं और वह सिर्फ पासपोर्ट देखकर वीजा की सिफारिश करते हैं। गिलानी का कहना है कि कौन क्या करता है कहां जाता है यह देखना उनका काम नहीं है। ये सब पासपोर्ट जारी करने वालों का काम है। उन्होंने कहा कि लोग सीमा के उस पार अपने रिश्तेदारों से मिलने या पढ़ाई के लिए वीजा लेने आते हैं और उनके कागजात देखकर ही वह उन्हें वीजा देते हैं।
गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लश्कर आतंकी एहतेशाम को पाकिस्तान का वीजा कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की सिफारिश पर मिला था। एहतेशाम कश्मीरी है, लेकिन उसके पास झारखंड का पासपोर्ट है, जिस पर पाक हाई कमीशन ने सवाल उठाए थे। एहतेशाम दिसंबर 2011 में पाकिस्तान गया और आतंक की ट्रेनिंग लेने के बाद जनवरी, 2012 में लौटा था। एहतेशाम ने इसी दौरान बम बनाने की ट्रेनिंग भी ली। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गिलानी द्वारा दिए गए सिफारिशी पत्र की प्रति इस आतंकी से जब्त किए गए कागजों में मिली है।
सूत्रों ने कहा कि एहतेशाम से जब्त चीजों में आईईडी बनाने का सामान जैसे तार, सल्फ्यूरिक एसिड आदि मिले हैं। उसने दिसंबर, 2011 में पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था। इनके निशाने पर भीड़भाड़ वाले बाजार थे। श्रीनगर में एसबीआई का मेन ब्रांच भी इनके निशाने पर था।
उधर, झारखंड के हजारीबाग से तौफीक मोहम्मद नाम के एक आतंकी को दिल्ली और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक तौफीक कश्मीर का रहने वाला है और 6 महीने से हजारीबाग में बुनकर बनकर रह रहा था और लोग उसे पीर मामा कहकर बुलाते थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक तौफीक अहमद ही इस पूरे मोड्यूल का मास्टरमाइंड है। उत्तरी भारत में लश्कर के इस मोड्यूल के तार जम्मू-कश्मीर से भी जुड़े हैं। पता चला है कि ये आतंकी कश्मीर में लश्कर के एक कमांडर के लगातार संपर्क में थे और वहां कई आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं। दिल्ली के चांदनी चौक का कपड़ा बाजार भी इन आतंकियों के निशाने पर था।
(इनपुट भाषा से भी)
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