पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल पूरा होने के मौके पर कहा है कि
म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ही पीओके के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. गौरतलब है कि जनरल दलबीर सिंह सुहाग के कार्यकाल में ही सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. उन्होंने कहा, 'सितंबर 2016 में पहले म्यांमार फिर पाकिस्तान में हमने सर्जिकल स्ट्राइक की, ये दोनों ही स्ट्राइक सफल रही और इस स्ट्राइक में हमारा कोई भी जवान मारा नहीं गया. इसका क्रेडिट प्रधानमंत्री को भी जाता है जिन्होंने स्ट्राइक को मंजूरी दी और इसका श्रेय मैं अपने जवनों को भी देता हूं जिन्होंने इसे अंजाम दिया. मैं प्रधानमंत्री जी आभारी हूं कि उन्होंने हमारे ऊपर भरोसा किया और हम उनके और देश के भरोसे पर खरे उतरे. मैं ये मानता हूं कि इस स्ट्राइक से देश अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बहुत ऊपर गया है.
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'जब हमने म्यांमार स्ट्राइक की थी तभी ये तय हो गया था कि अगर कोई मेजर इंसिडेंट होता है तो हम इस तरीके की करवाई करेंगे, इसलिए हमने म्यांमार के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी. हमे बहुत समय मिला, इसलिए हमारी जो तैयारी थी और रणनीति थी वो परफेक्ट थी और हमें सफलता मिली. हमने तय किया था कि हमें सफलता हर हालत में चाहिए थी. मेरे आदेश भी जवनों को बहुत क्लियर थे कि हमें इस प्लानिंग को अंजाम देना है और कोई भी केजुअल्टी अपने साइड में नही होनी चाहिए और अगर कोई केजुअल्टी होती है तो जो जवान को हर हालत में वापस लाया जाएगा, उसे किसी कीमत पर वापस नही छोड़ा जाएगा.
यह भी पढ़ें: नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले 22 जवानों को बहादुरी के लिए सम्मान
जनरल सुहाग ने कहा, 'जैसे ही पीएम मोदी ने इसे मंजूरी दी, हमने पीएम को कहा था कि हम पूरी तरह से तैयार हैं और हमारे अंदर वो कैलिबर है और हम विजयी होंगे. कोई डाउट नहीं था, सिर्फ आदेश का इंतजार था.'
VIDEO: ...तो फिर होगी सर्जिकल स्ट्राइक
म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ही पीओके के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. गौरतलब है कि जनरल दलबीर सिंह सुहाग के कार्यकाल में ही सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. उन्होंने कहा, 'सितंबर 2016 में पहले म्यांमार फिर पाकिस्तान में हमने सर्जिकल स्ट्राइक की, ये दोनों ही स्ट्राइक सफल रही और इस स्ट्राइक में हमारा कोई भी जवान मारा नहीं गया. इसका क्रेडिट प्रधानमंत्री को भी जाता है जिन्होंने स्ट्राइक को मंजूरी दी और इसका श्रेय मैं अपने जवनों को भी देता हूं जिन्होंने इसे अंजाम दिया. मैं प्रधानमंत्री जी आभारी हूं कि उन्होंने हमारे ऊपर भरोसा किया और हम उनके और देश के भरोसे पर खरे उतरे. मैं ये मानता हूं कि इस स्ट्राइक से देश अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बहुत ऊपर गया है.
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'जब हमने म्यांमार स्ट्राइक की थी तभी ये तय हो गया था कि अगर कोई मेजर इंसिडेंट होता है तो हम इस तरीके की करवाई करेंगे, इसलिए हमने म्यांमार के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी. हमे बहुत समय मिला, इसलिए हमारी जो तैयारी थी और रणनीति थी वो परफेक्ट थी और हमें सफलता मिली. हमने तय किया था कि हमें सफलता हर हालत में चाहिए थी. मेरे आदेश भी जवनों को बहुत क्लियर थे कि हमें इस प्लानिंग को अंजाम देना है और कोई भी केजुअल्टी अपने साइड में नही होनी चाहिए और अगर कोई केजुअल्टी होती है तो जो जवान को हर हालत में वापस लाया जाएगा, उसे किसी कीमत पर वापस नही छोड़ा जाएगा.
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जनरल सुहाग ने कहा, 'जैसे ही पीएम मोदी ने इसे मंजूरी दी, हमने पीएम को कहा था कि हम पूरी तरह से तैयार हैं और हमारे अंदर वो कैलिबर है और हम विजयी होंगे. कोई डाउट नहीं था, सिर्फ आदेश का इंतजार था.'
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