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दिल्ली की एक अदालत ने गीतिका शर्मा आत्महत्या कांड में गिरफ्तार अरुणा चड्ढा को पूछताछ के लिए हिरासत में देने का पुलिस का अनुरोध ठुकरा दिया है। पुलिस इस मामले में गिरफ्तार हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उसकी कंपनी की कर्मचारी अरुणा चड्ढा को आमने-साम
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विपिन खर्ब ने कहा कि अरुणा चड्ढा को तीन दिन और पुलिस हिरासत में देने के आवेदन से सहमति नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस इसके लिए नए सिरे से आवेदन कर सकती है।
अरुणा चड्ढा को 16 अगस्त को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसे सोमवार को फिर अदालत में पेश किया जहां उसे मंगलवार तक के लिए फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि अभियोजन अपने अनुरोध के संबंध में जरूरी दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहा है।
गोपाल कांडा के आत्मसमर्पण तथा उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे 18 अगस्त को सात दिन की पुलिस हिरासत में दिया गया था। जांच के सिलसिले में कांडा को विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया। इन स्थानों में हरियाणा स्थित उसके कार्यालय भी शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि जांच के दौरान उसे कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी शामिल हैं। पुलिस ने अरुणा चड्ढा को 8 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अरुणा को बाद में 16 अगस्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
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