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This Article is From Mar 18, 2018

GATE 2018 Results: लखनऊ के रहने वाले प्रशांत गुप्ता ने केमिस्ट्री में किया टॉप

प्रशांत ने अपनी स्कूलिंग UP बोर्ड से की है जिसके बाद उन्होंने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और आईआईटी दिल्ली से एमएससी भी किया.

GATE 2018 Results: लखनऊ के रहने वाले प्रशांत गुप्ता ने केमिस्ट्री में किया टॉप
प्रशांत ने पिछले साल भी गेट की परीक्षा दी थी और अच्छी रैंक हासिल की थी (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: ब्रह्मांड के कई रहस्य खोल चुके महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि चाहे जिंदगी कितनी भी मुश्किल लगे परन्तु उसमें ऐसा कुछ जरूर मिलेगा आपको जो आप कर सकते हैं और उसमें सफलता हासिल कर सकते हैं. और यही कर के दिखाया है लखनऊ के रहने वाले प्रशांत गुप्ता ने. प्रशांत गुप्ता ने 2018 की गेट परीक्षा में केमिस्ट्री में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है. प्रशांत ने अपनी स्कूलिंग UP बोर्ड से की है जिसके बाद उन्होंने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और आईआईटी दिल्ली से एमएससी भी किया. प्रशांत बेहद मेहनती और सेल्फ स्टडी पर यकीन रखने वाले हैं. उन्होंने गेट की परीक्षा के लिए कोई भी कोचिंग नहीं ज्वाइन की और हर दिन 9-12 घंटे पढ़ाई की. प्रशांत ने पिछले साल भी गेट की परीक्षा दो थी और अच्छी रैंक हासिल की थी पर उनकी आंखों में तो टॉपर बनने का सपना पल रहा था. वो हर बार ये सोचते थे कि जब कोई और ये मुकाम हासिल कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता और उनकी इस ज़िद ने ही उन्‍हें वो हौसला दिया कि उन्होंने एक साल का ब्रेक लिया और पूरी मेहनत और लगन से दोबारा तैयारी की और आख़िरकार सफलता हासिल की. सपने तो हर कोई देखता है पर उनको पूरा करने की लिए जो जज़्बा और मेहनत चाहिए वो प्रशांत को और लोगों से अलग करता है.

जब प्रशांत से NDTV ने उनकी रणनीति के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो सेल्फ स्टडी पर यकीन रखते हैं और उन्होंने पीछे 15 सालों के गेट के क्वेश्चन पेपर भी हल किये थे ताकि परीक्षा से पहले ही वो अपने अंदर इतना आत्मविश्वास ला सकें कि हर सवाल उन्हें आसान लगे. प्रशांत टाइम मैनजमेंट को बेहद अहमियत देते हैं और उनका मानना है कि एग्जाम में बैठकर आप रणनीति नहीं बना सकते क्‍योंकि आपके ऊपर उस दिन बहुत मानसिक दबाव होता है. प्रशांत जब तैयारी कर रहे थे तब वो 3 घंटे के पेपर को 2 घंटे में हल करते थे ताकि परीक्षा वाले दिन वो इतने परफेक्ट हो चुके हों कि तीन घंटे का पेपर 2 घंटे में हल कर लें और फिर इतना वक़्त हो कि अगर कोई मुश्किल सवाल हो तो वो भी हल कर सकें. वो मॉक टेस्ट सीरीज ज्वाइन करने की सलाह औरों को भी देते हैं क्‍योंकि उससे आपको परीक्षा के पैटर्न का आइडिया हो जाता है और टाइम मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है.

जब उनसे किताबों के बारे में पूछा गया तब उन्होंने बताया कि उन्होंने 10 किताबें न पढ़कर सिर्फ दो तीन किताबें ही पढ़ीं परन्तु उन किताबों पर उन्होंने महारत हासिल कर ली थी. उन्होंने यह भी बताया कि अच्छी किताबें गेट के लिए ढूंढने में उन्हें काफी दिक्कत हुई इसलिए अब वो खुद एक किताब लिखने के बारे में सोच रहे हैं ताकि जो मुश्किलें उन्हें तैयारी में आयीं वो किसी और को न हों.

प्रशांत ये भी कहते हैं कि आपने जो भी पढ़ा है उसे बार-बार दोराहिए ताकि परीक्षा नज़दीक आने पर प्रेशर न हो. उन्होंने हर दिन 3 घंटे केवल पढ़ी हुई चीज़ों को दोबारा पढ़ने में बिताये जिससे उन्हें आखिरी वक़्त में सब कुछ दोबारा पढ़ने का प्रेशर न हो.

गौरतलब है कि 16 मार्च को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) गुवाहाटी ने ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) - 2018 के नतीजे जारी किये थे. देश भर के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक में दाखिला लेने के लिए गेट क्वालिफाई करना जरूरी होता है. गेट के रैंक के अनुसार ही एमटेक करने वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलता है. ऑल इंडिया स्तर पर 23 विषयों में आयोजित इस परीक्षा में देश भर के लाखों परीक्षार्थियों ने भाग लिया था जिसमें राजधानी के मेधावी छात्र प्रशांत गुप्ता ने केमेस्ट्री विषय में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है.

प्रशांत की सफलता की कहानी हमें ये सीख भी देती है...

मंज़िल उन्हीं को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से ही उड़ान होती है.

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