सिक्कम की राजधानी गंगटोक पूर्वात्तर भारत का सबसे स्वच्छ शहर बना है
अगरतला:
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के नौ शहरों ने देश के स्वच्छ शहरों की सूची में अपना स्थान बनाया है. गंगटोक इस क्षेत्र का सबसे साफ शहर है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को नई दिल्ली में स्वच्छता मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की थी. देश के स्वच्छ शहरों की सूची में 1,414 लोगों की आबादी वाले गंगटोक शहर ने 50वां स्थान पाया है.
मध्य प्रदेश का इंदौर इस सूची में पहले स्थान पर रहा है, जबकि नई दिल्ली 7वें स्थान पर है. इस सर्वेक्षण के दौरान देशभर के 434 शहरों और कस्बों का मूल्यांकन किया गया.
मिजोरम की राजधानी आइजोल और मणिपुर की राजधानी इम्फाल क्रमश: 105वें और 122वें स्थान पर रहीं. वहीं असम के प्रमुख शहर गुवाहाटी को 134वां, नगालैंड की राजधानी कोहिमा को 208वां, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर को 216वां, मेघालय की राजधानी शिलांग को 276वां, असम के व्यावसायिक शहर सिल्चर को 280वां और त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को 290वां स्थान मिला.
शहरों का मूल्यांकन पांच मानदंडों पर किया गया था. इनमें कचड़े का संग्रहण, ठोस अपशिष्ठ (कचरा) प्रबंधन, शौचालयों के निर्माण, स्वच्छता संबंधी रणनीतियां और संचार के व्यवहार में बदलाव शामिल थे. यह रैंकिंग नगरपालिका निकायों, स्वतंत्र निर्धारकों और लोगों से ली गई प्रतिक्रियाओं पर आधारित है.
पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी को वर्ष 2016 में 50वां स्थान मिला था, मगर इस बार 134वां स्थान मिला है और यह इस क्षेत्र में गंगटोक, आइजोल और इम्फाल के बाद चौथा सबसे साफ शहर हैं. वर्ष 2016 में अगरतला 33वें, शिलांग 53वें और ईटानगर 71वें स्थान पर था, जबकि कोहिमा इस सूची में नहीं था.
अगरतला नगर निगम के महापौर प्रफुल्ल जीत सिन्हा ने कहा, "हमने स्वच्छ भारत मिशन की कई योजनाओं को स्वीकार नहीं किया, यही वजह है कि इस बार हमारे शहर को काफी नीचे रखा गया."
(इनपुट आईएएनएस से)
मध्य प्रदेश का इंदौर इस सूची में पहले स्थान पर रहा है, जबकि नई दिल्ली 7वें स्थान पर है. इस सर्वेक्षण के दौरान देशभर के 434 शहरों और कस्बों का मूल्यांकन किया गया.
मिजोरम की राजधानी आइजोल और मणिपुर की राजधानी इम्फाल क्रमश: 105वें और 122वें स्थान पर रहीं. वहीं असम के प्रमुख शहर गुवाहाटी को 134वां, नगालैंड की राजधानी कोहिमा को 208वां, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर को 216वां, मेघालय की राजधानी शिलांग को 276वां, असम के व्यावसायिक शहर सिल्चर को 280वां और त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को 290वां स्थान मिला.
शहरों का मूल्यांकन पांच मानदंडों पर किया गया था. इनमें कचड़े का संग्रहण, ठोस अपशिष्ठ (कचरा) प्रबंधन, शौचालयों के निर्माण, स्वच्छता संबंधी रणनीतियां और संचार के व्यवहार में बदलाव शामिल थे. यह रैंकिंग नगरपालिका निकायों, स्वतंत्र निर्धारकों और लोगों से ली गई प्रतिक्रियाओं पर आधारित है.
पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी को वर्ष 2016 में 50वां स्थान मिला था, मगर इस बार 134वां स्थान मिला है और यह इस क्षेत्र में गंगटोक, आइजोल और इम्फाल के बाद चौथा सबसे साफ शहर हैं. वर्ष 2016 में अगरतला 33वें, शिलांग 53वें और ईटानगर 71वें स्थान पर था, जबकि कोहिमा इस सूची में नहीं था.
अगरतला नगर निगम के महापौर प्रफुल्ल जीत सिन्हा ने कहा, "हमने स्वच्छ भारत मिशन की कई योजनाओं को स्वीकार नहीं किया, यही वजह है कि इस बार हमारे शहर को काफी नीचे रखा गया."
(इनपुट आईएएनएस से)
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