राजधानी में दिल्ली पुलिस (Delhi Police)ने पीक आवर्स के लिए ट्रैफिक पुलिस का फर्जी नो-एंट्री पास (Fake No Entry Pass) बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान गैंग लीडर उपदेश , आजाद , शादाब और मो. आसिफ के रूप में हुई है. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नकली नो-एंट्री पास बनाने के लिए मोटी रकम ऐंठते थे.
पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, एक बोलेरो पिकअप वाहन और उस पर लगा एक फर्जी नो-एंट्री पास बरामद किया है. पकड़े गए आरोपियों में मो.आसिफ बीकॉम करने के बाद एमकॉम कर रहा है.वह अपने लैपटॉप से फर्जी नो-एंट्री पास तैयार करता था.छानबीन के दौरान पता चला है कि आरोपियों ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान करीब 40 फर्जी पास बनाए थे. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानीबन कर रही है.
क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी बीके सिंह ने बताया कि 15 दिसंबर 2020 को टोडापुर स्थित दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के दफ्तर में एक ट्रांसपोर्टर ने नो-एंट्री पास बनवाने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया था.पीड़ित जितेंद्र प्रधान का कहना था कि नवंबर में उसकी मुलाकात उपदेश कुमार नामक शख्स से हुई थी.उसने पांच हजार रुपये लेकर नो-एंट्री पास दिलवा दिया..बाद में जितेंद्र को पास के फर्जी होने का पता चला.ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने भी पास को फर्जी बताया.
इसी तरह कुछ और शिकायतकर्ता ट्रैफिक पुलिस के सामने आए. क्राइम ब्रांच ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की.जांच के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया.पूछताछ के दौरान आरोपियों ने फर्जी नो-एंट्री पास बनाने की बात कबूल की
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