भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख (Ladakh) की गलवान वैली (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों ने जान गंवाई, इनमें मध्य प्रदेश के रहने वाले जवान दीपक कुमार सिंह भी थे. दीपक ने लद्दाख में पोस्टिंग से कुछ दिनों पहले अपने घर पर बात की थी और अपनी दादी से कहा था कि कोरोनावायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) खत्म होने के बाद वह घर आएंगे. उन्हें क्या पता था कि यह उनकी परिजनों से आखिरी बातचीत होगी.
दीपक कुमार सिंह मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले थे. उनकी 7 माह पहले शादी हुई थी. 30 वर्षीय दीपक ने कुछ दिनों पहले हुई बातचीत में अपनी दादी फूलकुमारी से कहा था, 'लॉकडाउन खत्म होते ही मैं छुट्टी लेकर घर आऊंगा.' दीपक के परिवार को घटना की जानकारी मिलते ही उनके गांव में मातम छा गया.
85 वर्षीय फूलकुमारी ने कहा, 'मैंने उससे कुछ दिन पहले बात की थी और उसने मुझसे कहा था कि लॉकडाउन खत्म होते ही वो छुट्टी लेकर घर आएगा लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद हमें उसके निधन की खबर मिली.' उन्होंने बताया कि दीपक की मां काफी साल पहले गुजर गई थीं, जिसके बाद उन्होंने ही उनकी परवरिश की. फूलकुमारी रोते हुए कहती हैं, 'वो बहुत प्यारा था. वो सबको प्यार करता था और घर में सबकी इज्जत करता था. हर कोई उसे बहुत पसंद करता था.'
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दीपक सिंह की पिछले साल 30 नवंबर को शादी हुई थी. उनकी पत्नी रेखा सिंह मध्य प्रदेश के सिरमौर स्थित नवोदय विद्यालय में नौकरी करती हैं. दीपक ने साल 2013 में आर्मी जॉइन की थी. वह बिहार रेजिमेंट के जवान थे. उनकी पोस्टिंग गलवान वैली में थी. उनके पिता गजराज सिंह किसान हैं. दीपक के बड़े भाई प्रकाश भी सेना में हैं और इस समय राजस्थान के जैसलमेर में तैनात हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ समेत राज्य के दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं