विज्ञापन
This Article is From Aug 16, 2021

औपनिवेशिक सोच के साथ लिखी गई बहादुरी की गाथाओं को सुधारा जाएगा : संस्कृति मंत्री

केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा- हमारा इतिहास साहस और बहादुरी की ऐसी गाथाओं से भरा पड़ा है जो कभी सामने नहीं आए या फिर औपनिवेशिक सोच के साथ उनकी गलत बयानी की गई

औपनिवेशिक सोच के साथ लिखी गई बहादुरी की गाथाओं को सुधारा जाएगा : संस्कृति मंत्री
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को कहा कि भारतीय इतिहास में औपनिवेशिक सोच के साथ लिखी गई बहादुरी की गाथाओं को सुधारा जाएगा. नई दिल्ली के राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण में ‘विजय और साहस के संस्मारक' विषय पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘इतिहास में लोगों द्वारा दिए गए बलिदान के बारे में युवाओं को पता होना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा इतिहास साहस और बहादुरी की ऐसी गाथाओं से भरा पड़ा है जो कभी सामने नहीं आए या फिर औपनिवेशिक सोच के साथ उनकी गलत बयानी की गई है. हमारे देश के इतिहास में ऐसी गलत बयानी को सुधारा जाएगा.''

मंत्री ने यह भी कहा कि 15 अगस्त, 1947 को जहां भारत का ज्यादातर हिस्सा आजादी का जश्न मना रहा था, वहीं ‘‘निजाम के शासन वाले क्षेत्र को एक साल, एक महीना और एक दिन का इंतजार करना पड़ा, जब 17 सितंबर 1948 को (तत्कालीन गृह मंत्री) सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उसे आजादी दिलाई.''

रेड्डी ने कहा, ‘‘निजाम की राजकर सेना गांवों को लूटने और महिलाओं से छेड़छाड़ करने के लिए सड़कों पर उतर गई थी और तिरंगा फहराने की कोशिश करने वाले लोगों पर गोली चलाई, लेकिन यह कहानी दबा दी गई. ये कहानियां अब सामने लाई जाएंगी.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com