कर्ज के भारी बोझ तले दबे कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) की लंदन स्थित आलीशान घर से बेदखल किए जाने के आदेश पर रोक लगाने की अर्जी ब्रिटिश अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी. स्विस बैंक यूबीएस के साथ लंबे समय से जारी कानूनी विवाद में माल्या के इस घर को खाली कराने का आदेश दिया गया था. माल्या ने इस आदेश के अनुपालन पर रोक लगाने की मांग की थी.
लंदन के रीजेंट पार्क में 18/19 कॉर्नवाल टेरेस लक्जरी अपार्टमेंट में वर्तमान में माल्या की 95 वर्षीय मां ललिता का कब्जा है. इस संपत्ति को अदालत में "लाखों पाउंड की असाधारण मूल्यवान संपत्ति" के रूप में वर्णित किया गया था.
लंदन हाई कोर्ट के चांसरी डिविजन के न्यायाधीश मैथ्यू मार्श ने अपने फैसले में कहा कि माल्या परिवार को बकाया राशि के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय देने का कोई आधार नहीं है. इसका मतलब है कि माल्या को इस संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है.
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माल्या को इस स्विस बैंक को 2.04 करोड़ पाउंड का कर्ज लौटाना है. माल्या के लंदन स्थित इस घर में उनकी 95 साल की मां रहती हैं.
बता दें कि विजय माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है. वह अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले (Bank Fraud Case) में आरोपी है. भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से जुड़े अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टल गई. 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था.
वीडियो : विजय माल्या को झटका, प्रत्यर्पण का इंतज़ार नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट
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