नई दिल्ली:
'कैश कूली' से लेकर रोलेक्स की घड़ियां खरीदने तक भारतीयों ने सरकार के नोटबंदी के फैसले से बचकर निकलने के कई जुगाड़ ढूंढ निकाले हैं. 8 नवंबर को पीएम मोदी की 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद एक अफरा तफरी का माहौल खड़ा हो गया. इस ऐलान ने अघोषित आय रखने वालों को अपनी रकम को ठिकाने लगाने के लिए काम पर लगा दिया. कोई पुराने नोटों के भंडार को नए नोट से बदलने में लगा है तो कुछ इस रकम से सोना और मंहगे सामान खरीद रहे हैं.
बता दें कि 2012-13 में 50 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले सिर्फ 6 लोगों ने इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. जबकि एक अनुमान के मुताबिक देश में ऐसे 2100 अति धनाढ्य भारतीय हैं जिनकी शुद्ध संपत्ति 340 करोड़ से ज्यादा है. सरकार ऐसे लोगों को धड़ पकड़ने की तैयारी में है जो इस वक्त बैंक में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा कर रहे हैं क्योंकि अघोषित नकदी रखने वालों पर अब डबल टैक्स की मार पड़ने वाली है.
ऐसे कई फैक्ट्री मालिक और व्यापारियों की खबरें सामने आई हैं जो 30 दिसंबर तक अपना पैसा बदलवाने के लिए अपने स्टाफ या दिहाड़ी मजदूरों को बैंकों की लाइनों में खड़ा कर रहे हैं. शुरुआत में काउंटर से पैसे बदलने की सीमा 4 हज़ार थी जिसे बाद में कम करके 2 हज़ार कर दी गई क्योंकि ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं कि कुछ 'अनैतिक तत्व' अपना पैसा बदलने के लिए गरीबों को लाइनों में खड़ा कर रहे हैं. इसके लिए सरकार ने लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाने का काम भी शुरु कर दिया ताकि जो एक बार पैसा एक्सचेज करवाने आए, वह दोबारा न आ पाए.
दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद अचानक धनाढ्य भारतीयों में रोलेक्स की घड़ी की मांग भी बढ़ गई. अंग्रेजी अखबार इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक रोलेक्स और डियोर जैसे मंहगे ब्रांड ने घोषणा के बाद अपने कई क्लाइंटों को ईमेल करके सूचित किया कि उनकी दुकान आधी रात तक खुली हुई है. अखबार ने कहा कि दिल्ली में एक ग्लोबल फैशन ब्रांड घोषणा के तुरंत बाद पूरी रात खुला रहा और उसने तीन घंटे में एक करोड़ से ज्यादा का सामान बेचा.
वहीं कई ग्राहक ऐसे भी थे जिनके लिए कहा जा रहा था कि उन्होंने दोगुने दामों पर सोना खरीदा और पुराने नोटों को ठिकाने लगाया. एक रिपोर्ट के मुताबिक उस रात ग्राहकों ने 52 हज़ार रुपये प्रति दस ग्राम के हिसाब से सोना खरीदा जो कि मौजूदा रेट से दोगुना था.
उधर अधिकारियों का कहना है कि सभी जन धन खातों में बीते दिनों जमा किए गए नकद पर नज़र रखी जा रही है क्योंकि ऐसा देखा गया है कि इनमें से कई खातों में कई हज़ार रुपयों को एक ही दिन में जमा किया गया है. स्थानीय मीडिया का कहना है कि कई भ्रष्ट लोग ऐसे हैं जो अपना पैसा जमा करने के लिए इन खातों को 'किराये' पर ले रहे हैं और बाद में इन खातों से पैसा निकाल लिया जाएगा.
इसके अलावा कई मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें बड़े स्तर पर रेलवे टिकट बुक किये गए जब सरकार ने कहा कि 11 नवंबर तक रेलवे में पुराने नोटों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में पुराने नोटों के साथ ज्यादातर एडवांस टिकटों को बुक करवाया गया ताकि बाद में उन्हें रद्द करवाया जा सके और बदले में नए नोट मिल पाएं.
बता दें कि 2012-13 में 50 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले सिर्फ 6 लोगों ने इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. जबकि एक अनुमान के मुताबिक देश में ऐसे 2100 अति धनाढ्य भारतीय हैं जिनकी शुद्ध संपत्ति 340 करोड़ से ज्यादा है. सरकार ऐसे लोगों को धड़ पकड़ने की तैयारी में है जो इस वक्त बैंक में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा कर रहे हैं क्योंकि अघोषित नकदी रखने वालों पर अब डबल टैक्स की मार पड़ने वाली है.
ऐसे कई फैक्ट्री मालिक और व्यापारियों की खबरें सामने आई हैं जो 30 दिसंबर तक अपना पैसा बदलवाने के लिए अपने स्टाफ या दिहाड़ी मजदूरों को बैंकों की लाइनों में खड़ा कर रहे हैं. शुरुआत में काउंटर से पैसे बदलने की सीमा 4 हज़ार थी जिसे बाद में कम करके 2 हज़ार कर दी गई क्योंकि ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं कि कुछ 'अनैतिक तत्व' अपना पैसा बदलने के लिए गरीबों को लाइनों में खड़ा कर रहे हैं. इसके लिए सरकार ने लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाने का काम भी शुरु कर दिया ताकि जो एक बार पैसा एक्सचेज करवाने आए, वह दोबारा न आ पाए.
दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद अचानक धनाढ्य भारतीयों में रोलेक्स की घड़ी की मांग भी बढ़ गई. अंग्रेजी अखबार इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक रोलेक्स और डियोर जैसे मंहगे ब्रांड ने घोषणा के बाद अपने कई क्लाइंटों को ईमेल करके सूचित किया कि उनकी दुकान आधी रात तक खुली हुई है. अखबार ने कहा कि दिल्ली में एक ग्लोबल फैशन ब्रांड घोषणा के तुरंत बाद पूरी रात खुला रहा और उसने तीन घंटे में एक करोड़ से ज्यादा का सामान बेचा.
वहीं कई ग्राहक ऐसे भी थे जिनके लिए कहा जा रहा था कि उन्होंने दोगुने दामों पर सोना खरीदा और पुराने नोटों को ठिकाने लगाया. एक रिपोर्ट के मुताबिक उस रात ग्राहकों ने 52 हज़ार रुपये प्रति दस ग्राम के हिसाब से सोना खरीदा जो कि मौजूदा रेट से दोगुना था.
उधर अधिकारियों का कहना है कि सभी जन धन खातों में बीते दिनों जमा किए गए नकद पर नज़र रखी जा रही है क्योंकि ऐसा देखा गया है कि इनमें से कई खातों में कई हज़ार रुपयों को एक ही दिन में जमा किया गया है. स्थानीय मीडिया का कहना है कि कई भ्रष्ट लोग ऐसे हैं जो अपना पैसा जमा करने के लिए इन खातों को 'किराये' पर ले रहे हैं और बाद में इन खातों से पैसा निकाल लिया जाएगा.
इसके अलावा कई मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें बड़े स्तर पर रेलवे टिकट बुक किये गए जब सरकार ने कहा कि 11 नवंबर तक रेलवे में पुराने नोटों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में पुराने नोटों के साथ ज्यादातर एडवांस टिकटों को बुक करवाया गया ताकि बाद में उन्हें रद्द करवाया जा सके और बदले में नए नोट मिल पाएं.
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