
फाइल फोटो- अरुण जेटली
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली के पास खुद उन्हीं के द्वारा बनाए गए जांच पैनल की वह रिपोर्ट थी, जिसमें सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब मामले में भ्रष्टाचार की बात लिखी थी। बावजूद इसके जेटली ने दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों को चिट्ठियां लिखकर मामले में जांच बंद करने के लिए कहा है। 'आप' ने कहा कि तीन सदस्यों वाली इस जांच समिति के अध्यक्ष चेतन चौहान थे।
आम आदमी पार्टी अरुण जेटली के खिलाफ आरोपों की ताज़ा फेहरिस्त सामने लेकर आई है। अपने हाथ में आशुतोष जिस रिपोर्ट को लहरा रहे हैं- उनका दावा है कि यह डीसीसीए की ही जांच समिति की वह रिपोर्ट है, जिसमें सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब से जुड़े मामले में गंभीर अनियमितताओं की बात कही गई है। पार्टी ने कहा कि अरुण जेटली ने ही चेतन चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई थी, जिसने जेटली को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सिंडिकैट बैंक मामले में स्पोर्ट्स वर्किंग कमेटी ने अनियमितता (Irregularity) और गड़बड़ी (Impropriety) की है। बावजूद इसके जेटली इस रिपोर्ट को दबाए रहे।
चेतन चौहान पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्पोर्ट्स वर्किंग कमेटी ने सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब को निजी क्लब में तब्दील करने का फैसला केवल बैंक के सहायक जनरल मैनेजर भोला शंकर की चिट्ठी के आधार पर ले लिया। जबकि इसके लिए सिंडिकैट बैंक से विधिवत इजाज़त लेनी चाहिए थी। इसके अलावा यह भी कहा कि सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब को किया गया 30,000 रुपये का भुगतान बड़े सवाल खड़े करता है, क्योंकि इसमें बैंक का खाता धोखाधड़ी से खोला गया था।
पार्टी ने दावा किया कि जेटली के पास यह रिपोर्ट मौजूद थी फिर भी उन्होंने 2011 और 2012 में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को चिट्ठियां लिखीं और भ्रष्टाचार के इस मामले में जारी जांच को बंद करने के लिए कहा। जेटली ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता को चिट्ठी लिखने के बाद विशेष पुलिस कमिश्नर रंजीत नारायण को एक और चिट्ठी लिखी जिसमें कहा कि मामले में मिली शिकायतें अप्रमाणित (Unsubstantiated) हैं और किसी अपराध का खुलासा नहीं करती। बार-बार होने वाले सवालों से डीडीसीए के कुछ लोग तंग आ गए हैं। लिहाज़ा इसे बंद किया जाए, क्योंकि डीडीसीए ने इसमें कुछ भी ग़लत नहीं किया है।
पार्टी ने एक बार फिर अरुण जेटली से मामले में जवाब मांगा है और पांच सवाल पूछे हैं। आप ने कहा कि आज विराट कोहली भले ही दबाव में जेटली के पक्ष में खड़े हों, लेकिन ख़ुद उन्होंने 'द हिन्दू' को दिये इंटरव्यू में कहा था कि अंडर 14 क्रिकेट टीम में न लिये जाने पर वे बिखर चुके थे... और उनके पिता ने डीडीसीए के एक अधिकारी को फेवर करने की बात को ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा कि इसी से डीडीसीए के हालात का साफ पता चलता है। ग़ौरतलब है कि चेतन चौहान ने आप के आरोपों को निराधार बताया है। ऐसे में मामला अब बेहद रोचक मोड़ पर पहुंच चुका है।
(NDTV इन तथ्यों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
आम आदमी पार्टी अरुण जेटली के खिलाफ आरोपों की ताज़ा फेहरिस्त सामने लेकर आई है। अपने हाथ में आशुतोष जिस रिपोर्ट को लहरा रहे हैं- उनका दावा है कि यह डीसीसीए की ही जांच समिति की वह रिपोर्ट है, जिसमें सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब से जुड़े मामले में गंभीर अनियमितताओं की बात कही गई है। पार्टी ने कहा कि अरुण जेटली ने ही चेतन चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई थी, जिसने जेटली को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सिंडिकैट बैंक मामले में स्पोर्ट्स वर्किंग कमेटी ने अनियमितता (Irregularity) और गड़बड़ी (Impropriety) की है। बावजूद इसके जेटली इस रिपोर्ट को दबाए रहे।
चेतन चौहान पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्पोर्ट्स वर्किंग कमेटी ने सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब को निजी क्लब में तब्दील करने का फैसला केवल बैंक के सहायक जनरल मैनेजर भोला शंकर की चिट्ठी के आधार पर ले लिया। जबकि इसके लिए सिंडिकैट बैंक से विधिवत इजाज़त लेनी चाहिए थी। इसके अलावा यह भी कहा कि सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब को किया गया 30,000 रुपये का भुगतान बड़े सवाल खड़े करता है, क्योंकि इसमें बैंक का खाता धोखाधड़ी से खोला गया था।
पार्टी ने दावा किया कि जेटली के पास यह रिपोर्ट मौजूद थी फिर भी उन्होंने 2011 और 2012 में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को चिट्ठियां लिखीं और भ्रष्टाचार के इस मामले में जारी जांच को बंद करने के लिए कहा। जेटली ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता को चिट्ठी लिखने के बाद विशेष पुलिस कमिश्नर रंजीत नारायण को एक और चिट्ठी लिखी जिसमें कहा कि मामले में मिली शिकायतें अप्रमाणित (Unsubstantiated) हैं और किसी अपराध का खुलासा नहीं करती। बार-बार होने वाले सवालों से डीडीसीए के कुछ लोग तंग आ गए हैं। लिहाज़ा इसे बंद किया जाए, क्योंकि डीडीसीए ने इसमें कुछ भी ग़लत नहीं किया है।
पार्टी ने एक बार फिर अरुण जेटली से मामले में जवाब मांगा है और पांच सवाल पूछे हैं। आप ने कहा कि आज विराट कोहली भले ही दबाव में जेटली के पक्ष में खड़े हों, लेकिन ख़ुद उन्होंने 'द हिन्दू' को दिये इंटरव्यू में कहा था कि अंडर 14 क्रिकेट टीम में न लिये जाने पर वे बिखर चुके थे... और उनके पिता ने डीडीसीए के एक अधिकारी को फेवर करने की बात को ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा कि इसी से डीडीसीए के हालात का साफ पता चलता है। ग़ौरतलब है कि चेतन चौहान ने आप के आरोपों को निराधार बताया है। ऐसे में मामला अब बेहद रोचक मोड़ पर पहुंच चुका है।
(NDTV इन तथ्यों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
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