पूर्वी लद्दाख में बीती सोमवार की रात भारतीय सेना के जवानों की चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में चार भारतीय जवानों की हालत गंभीर चल रही है. सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने यह जानकारी दी है. बता दें कि आर्मी की ओर से पुष्टि की गई है कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय जवानों ने देश के लिए जान गंवाई है. ANI की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि चीनी सेना के 43 सैनिक भी हताहत हुए हैं, हालांकि सेना की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया है.
मंगलवार को सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'भारतीय और चीनी सैनिक गलवान क्षेत्र में अलग हो चुके हैं जहां वे पहले 15/16 जून 2020 की दरमियानी रात को भिड़ गए थे. 17 भारतीय सैनिक जो स्टैंड ऑफ लोकेशन पर ड्यूटी करते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उच्च ऊंचाई वाले इलाके में शून्य से कम तापमान में एक्सपोज हो गए थे, उनकी चोटों के कारण जान चली गई है, जिसके बाद इस झड़प में कुल मिलाकर 20 जवानों ने जान गंवाई. भारतीय सेना राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.'
मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय का भी बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने इस घटना के पीछे यथास्थिति को बदलने के लिए की गई एकतरफा कोशिश को बताया है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नुकसान को टाला जा सकता था. मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि तनाव घटाने के लिए बातचीत हो रही है. झड़प से दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि चीन ने आपसी सहमति का सम्मान नहीं किया. हम शांति को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन संप्रभुता बनाए रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था.
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