लद्दाख में तनातनी के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि इस साल LAC पर चीन का बर्ताव पिछली सभी बार से अलग है. उन्होंने कहा कि जो पहले से तय बातें थी उसकी चीन ने पूरी तरह अनदेखी की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी सैनिकों ने आपसी सहमति के सभी मानदंडों की अवहेलना की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई की शुरुआत से ही चीन LAC की तरफ भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती कर रहा है. यह कई तरह के द्विपक्षाय समझौतों का उल्लंघन है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा स्थिति बने रहने से आगे और माहौल खराब होंगे. बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गालावान घाटी में 15-16 जून को चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में कर्नल समेत 20 जवानों की जान चली गई थी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन द्वारा इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ाना 6 जून को दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है. उस समय दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मई के महीने से ही चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की तैनाती बढ़ाने में लगा है जो 1993 में भारत और चीन के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है. उस समझौते के तहत सीमा पर सैनिक मौजूदगी न्यूनतम होनी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी बताया कि चीन अपनी ओर से यथास्थिति को बदलने की लगातार कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों के उलट 15-16 जून की रात को गालवान घाटी में चीन की कार्रवाई की वजह से हिंसक झड़प हुई. विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि चीन दोनों देशों के सैनिक कमांडरों के बीच बनी सहमति पर अमल करेगा..
VIDEO: गलवान घाटी की नई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा चीनी सैनिकों का बड़ा जमावड़ा
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