
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
नियंत्रण रेखा पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले कमांडो दस्ते ने 250 किलोमीटर के पहाड़ी और जंगली इलाके में स्थित 7 आतंकी लॉन्च पैड या इसके आसपास से सटे क्षेत्र को निशाना बनाया. वे करीब दो किलोमीटर तक पीओके के अंदर तक गए और एक साथ ही सभी कैंपों पर हमला बोला.
दुश्मन के इलाके में हमला के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित इन पैरा कमांडो को इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बुधवार की दोपहर इजाजत दी गई. 18 सितंबर को सेना के उरी कैंप में आतंकवादियों दवारा हमला किए जाने के बाद सरकार ने मिलिटरी कमांडरों से ऑपरेशन के लिए विकल्प देने के लिए कहा था जिसे बुधवार की रात अंजाम दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि अंधेरी रात सर्जिकल हमले के लिए सबसे बड़ा कारक रही. जैसे ही ऑपरेशन को मंजूरी मिली, वैसी ही विभिन्न बेस से हेलिकॉप्टर जोड़ों में उड़ान भरने लगे.
उरी सेक्टर जैसे अन्य सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए भारतीय सेना दवारा फायरिंग की गई. इसी बीच कमांडो को अन्य क्षेत्रों से लक्षित कैंपों पर पहुंचाने की कोशिश की गई जिस पर पिछले एक हफ्ते से नजर रखी जा रही थी. टीमें उत्तर कश्मीर के पुंछ और नौगाम सेक्टर के एलओसी पर फैल गईं. कमांडो अपने लक्ष्य पर लगभग रात के पौने दो बजे पहुंचे.
इसके साथ ही साथ आक्रमण जारी रखते हुए, उन्होंने पांच आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए. इतनी ही नहीं उन्होंने लॉन्च पैड के पास स्थित दो पाकिस्तानी सेना के केंद्रों को भी निशाना बनाया. सुबह होने से पहले वे भारतीय सीमा में वापस लौट आए. इसके अलावा, मिलिटरी ने जम्मू और पठानकोट के एयर फोर्स बेस जैसे कई स्थानों को हाई अलर्ट पर भी रखा.
हालांकि सूत्रों ने मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने बताया कि सामान्यत: एक लॉन्च पैड में कम से कम 10 आतंकी रहते हैं जो घुसपैठ की ताक में रहते हैं.
पैरा कमांडो द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों में शामिल थे स्वीडिश डिजाइन वाली कार्ल गुस्टव रॉकेट लॉन्चर, एक सोल्डर फायर्ड राइफल जिसे दो सैनिकों की टीम ऑपरेट करती है और जो इतनी शक्तिशाली है कि टैंक या किसी मजबूत दीवार को भी ध्वस्त कर दे.
सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन में दुश्मन को चौंकाने में पूरी तरह से कामयाबी मिली और पाकिस्तान की तरफ से जब तक प्रतिक्रिया आती तब तक तो हमारे जवान अपने अपने बेस में वापस भी लौट गए थे.
सेना ने कहा कि एक भारतीय सैनिक चंदू बाबूलाल चौहान, जो कि अब पाकिस्तान की कैद में, इस सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा नहीं था और भूलवश सीमा पार कर गया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उसे छुड़ाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं.
दुश्मन के इलाके में हमला के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित इन पैरा कमांडो को इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बुधवार की दोपहर इजाजत दी गई. 18 सितंबर को सेना के उरी कैंप में आतंकवादियों दवारा हमला किए जाने के बाद सरकार ने मिलिटरी कमांडरों से ऑपरेशन के लिए विकल्प देने के लिए कहा था जिसे बुधवार की रात अंजाम दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि अंधेरी रात सर्जिकल हमले के लिए सबसे बड़ा कारक रही. जैसे ही ऑपरेशन को मंजूरी मिली, वैसी ही विभिन्न बेस से हेलिकॉप्टर जोड़ों में उड़ान भरने लगे.
उरी सेक्टर जैसे अन्य सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए भारतीय सेना दवारा फायरिंग की गई. इसी बीच कमांडो को अन्य क्षेत्रों से लक्षित कैंपों पर पहुंचाने की कोशिश की गई जिस पर पिछले एक हफ्ते से नजर रखी जा रही थी. टीमें उत्तर कश्मीर के पुंछ और नौगाम सेक्टर के एलओसी पर फैल गईं. कमांडो अपने लक्ष्य पर लगभग रात के पौने दो बजे पहुंचे.
इसके साथ ही साथ आक्रमण जारी रखते हुए, उन्होंने पांच आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए. इतनी ही नहीं उन्होंने लॉन्च पैड के पास स्थित दो पाकिस्तानी सेना के केंद्रों को भी निशाना बनाया. सुबह होने से पहले वे भारतीय सीमा में वापस लौट आए. इसके अलावा, मिलिटरी ने जम्मू और पठानकोट के एयर फोर्स बेस जैसे कई स्थानों को हाई अलर्ट पर भी रखा.
हालांकि सूत्रों ने मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने बताया कि सामान्यत: एक लॉन्च पैड में कम से कम 10 आतंकी रहते हैं जो घुसपैठ की ताक में रहते हैं.
पैरा कमांडो द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों में शामिल थे स्वीडिश डिजाइन वाली कार्ल गुस्टव रॉकेट लॉन्चर, एक सोल्डर फायर्ड राइफल जिसे दो सैनिकों की टीम ऑपरेट करती है और जो इतनी शक्तिशाली है कि टैंक या किसी मजबूत दीवार को भी ध्वस्त कर दे.
सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन में दुश्मन को चौंकाने में पूरी तरह से कामयाबी मिली और पाकिस्तान की तरफ से जब तक प्रतिक्रिया आती तब तक तो हमारे जवान अपने अपने बेस में वापस भी लौट गए थे.
सेना ने कहा कि एक भारतीय सैनिक चंदू बाबूलाल चौहान, जो कि अब पाकिस्तान की कैद में, इस सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा नहीं था और भूलवश सीमा पार कर गया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उसे छुड़ाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं.
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