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राष्ट्रीय महिला आयोग और कुछ सांसद कश्मीर में लड़कियों के रॉक बैंड ‘प्रगाश’ के समर्थन में खुलकर सामने आए। इस बैंड के गीतों को जम्मू कश्मीर के मुख्य मुफ्ती ने ‘गैर इस्लामिक’ करार दिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, ‘यह गलत है। हर किसी का अपना नजरिया होता है। कुछ परंपराएं हैं। लेकिन मेरा यह मानना है कि यदि आजादी के इतने सालों बाद, हम लड़कियों को किसी काम से रोकते हैं तो यह हमारा दोहरा मापदंड होगा।’ उन्होंने कहा, ‘एक तरफ हम कहते हैं कि महिला और पुरुषों को बराबर होना चाहिए लेकिन दूसरी तरफ हम लड़कियों पर पाबंदियां लगाते हैं कि लड़कियां ये नहीं कर सकती..., मेरा मानना है कि यह बहुत गलत है।’
बीजद सांसद जय पांडा ने भी रॉक बैंड के समर्थन में कहा, ‘मैं समझता हूं कि किसी को भी दूसरे लोगों को संगीत या अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए खुद को अभिव्यक्त करने से रोकने का अधिकार नहीं है।’ जम्मू कश्मीर में विपक्षी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि पूरी घटना पर ‘गैर जरूरी विवाद’ है।
अख्तर ने कहा, ‘मुफ्ती साहब ने धर्म की निंदा करने वाले हर मुद्दे पर फतवे जारी करने को अपना धंधा बना लिया है।’ भाजपा सांसद नजमा हेपतुल्ला ने भी रॉक बैंड का समर्थन किया और कहा, ‘धर्म के नाम पर कुछ कहने से धर्म का भला नहीं होता। यदि आपको गीत पसंद नहीं हैं तो उन्हें मत सुनें। धर्म के नाम पर उन्हें रोकना, मुझे नहीं लगता कि यह सही कदम है।’
जम्मू कश्मीर के मुख्य मुफ्ती बशरूद्दीन अहमद ने रविवार को फतवा जारी कर बैंड के गीतों को ‘गैर इस्लामिक’ करार दिया था और लड़कियों से बैंड छोड़ने को कहा था।
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