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This Article is From Mar 24, 2018

चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी मामले में लालू यादव को 14 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना

चारा घोटाला मामला: कोर्ट ने दुमका ट्रेजरी केस में लालू यादव को कुल 14 साल की सजा सुनाई है. 

चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी मामले में लालू यादव को 14 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना
लालू यादव (फाइल फोटो)
पटना: चारा घोटाला के चौथे मामले में लालू यादव के खिलाफ कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. चारा घोटाले के चौथे मामले में यानी दुमका ट्रेजरी मामले में लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने 7-7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30-30 लाख का जुर्माना भी लगाया है. चारा घोटाला में रांची की कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ फैसला सुनाया है. IPC की धारा 120 बी, 467, 420, 409, 468, 471, 477ए और PC Act की धारा 13(2) रेड विथ 13(1)(सी)(डी) के तहत सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दोनो में 7 - 7 साल और 30 - 30  लाख की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर 1 साल की सजा बढ़ेगी.

बता दें कि सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार गबन के मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया था. सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि लालू को अदालत ने इस मामले में भी आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार का दोषी पाया है.

अदालत ने लालू को आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 420, 467, 468, 471, 477ए के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया. लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े कुल पांच मामलों में रांची में मुकदमे चल रहे थे.

फिलहाल लालू यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार मामलों में सजा सुनाये जाने के बाद यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं और उन्हें हाईकोर्ट से इन मामलों में अब तक राहत नहीं मिल सकी है. लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले में यह चौथा मामला है जिसमें फैसला सुनाया गया है. 

चारा घोटाले के दुमका केस में फैसला आने से ठीक पहले दायर की गई अपनी याचिका में लालू ने कहा था कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उस वक्त के तत्कालीन एकाउंटेंट जनरल पीके मुखोपाध्याय समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया जाए. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में सह अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया है. इस याचिका पर फैसला सुनाने के बाद ही दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू पर फैसला सुनाया जाएगा.

अदालत ने बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक समेत महालेखाकार कार्यालय के तीन अधिकारियों के खिलाफ इसी मामले में मुकदमा चलाए जाने की लालू प्रसाद की याचिका स्वीकार करते हुए तीनों को समन जारी करने का निर्देश दिया. केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि दुमका कोषागार से गबन मामले में शनिवार को फैसला सुनाया जाएगा.

गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो को चारा घोटाले के तीन मामलों में पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है. उन्हें कुल मिलाकर अब तक 13.5 साल की सजा सुनाई गई है. लालू पर आरोप है कि उन्होंने 1995 -96 के बीच में बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए इस कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी की. इस मामले में लालू यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और 29 अन्य लोग आरोपी हैं. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में कोर्ट में सुनवाई 5 मार्च को पूरी हो गई थी.

इससे पहले इसी वर्ष 24 जनवरी को लालू प्रसाद एवं जगन्नाथ मिश्र को सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये का गबन करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं क्रमशः दस लाख एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के चाईबासा मामले में कुल 50 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी थी.

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