चीन में कोरोना वायरस के कहर से दुनिया भर का उद्योग जगत चिंता में है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत के साथ हालात की समीक्षा की. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने माना कि अगर कोरोना वायरस का संकट लंबा चला तो उद्योग जगत के लिए हालात ख़राब हो जाएंगे. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, केमिकल्स जैसे सेक्टरों में चीन से होने वाली कच्चे माल की सप्लाई पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'मैन्यूफैकचरिंग सेक्टर चिंतित है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से चीन से कच्चा माल की सप्लाई भारत में बाधित हो सकती है. बंदरगाहों पर बहुत सारा सामान का स्टॉक फंसा हुआ है, क्योंकि पेपर वर्क सही तरीके से नहीं हो पाया है.'
बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा, 'बैठक में फार्मा सेक्टर, केमिकल्स और सोलर इक्विपमेन्ट सेक्टरों ने कच्चा माल की चीन से होने वाली सप्लाई के बाधित होने की संभावना जताई, लेकिन किसी भी उद्योग ने कोरोना वायरस संकट की वजह से भारतीय बाज़ार में कीमतों में बढ़ोत्तरी का सवाल नहीं उठाया.' वहीं कोरोना वायरस को लेकर बढ़ती चिंता के बीच भारत में चीन के राजदूत ने दावा किया कि चीन में हालात में सुधार हो रहा है.
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हालांकि मोबाइल फ़ोन मैन्युफैक्चरर्स मानते हैं संकट लंबा चला तो हालात खराब होंगे. इंडियन सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महेन्द्रू (Mahendroo) ने एनडीटीवी से कहा, 'अगर कोरोना वायरस का संकट ज्यादा लंबा चला तो इसका भारतीय मोबाइल कंपनियों पर गहरा असर पड़ेगा. हालांकि अभी हमें उम्मीद है की हालात सुधरेंगे.'
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